सोमवार, 15 फ़रवरी 2016

खुद को कभी कमतर न आंकें



कई बार ऐसा होता है कि लोग दूसरों के नजरिए के आधार पर अपने बारे में गलत राय बना लेते हैं। इसी कारण वे न तो पढ़ाई पर ध्यान दे पाते हैं और न ही लक्ष्य प्राप्त कर पाते हैं। उन्हें लगता है कि उनमें कुछ भी अच्छा नहीं है और हीनता की भावना से भर जाते हैं।
याद रखिए जो कामयाब हैं वे इसलिए कि वे अपने को किसी से कम नहीं आंकते। वे हमेशा अपनी बेहतर चीजों पर फोकस करते हुए अपना आत्मविश्वास बढ़ाते रहते हैं और अपने व्यक्तित्व को चमकाते रहते हैं। इसलिए अपने भीतर झंकिए और दूसरों से अपने को बिल्कुल कम मत आंकिए।
कई लोग इस समस्या से जूझते दिखाई देते हैं कि न तो वे देखने में खूबसूरत हैं, न उनकी चाल अच्छी है। न उनकी आवाज अच्छी है और न रवैया। वे दूसरों की धारणा पर अपने बारे में राय बना लेते हैं और परेशान रहते हैं। वे जब भी आईना देखते हैं हमेशा अपने से नाखुश रहते हैं। वे अपनी पढ़ाई, करियर और जिंदगी से नाखुश रहते हैं।
इसलिए वे कोशिश करते हैं कि वे कुछ और हो जाएं।
यह माननकर चलिए कि कामयाब होने की पहली सीढ़ी है अपने को स्वीकार करना, अपने को प्यार करना और अपनी गलतियों को भुला देना। इसी से आप अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं।
इसकी आज से ही शुरुआत कर दीजिए। हम आपको दे रहे हैं कुछ टिप्स। इन्हें अपनाएं और आगे बढ़ जाएं।
मैं कामयाब हूं सबसे पहली बात तो यह है कि अपने बारे में तमाम नापसंद बातों को भूल जाएं। आपको लगता है कि न तो आप आकर्षक हैं और न ही विनम्र।
यह सब नकारात्मक सोच का परिणाम है। इसलिए अपने बारे में अच्छी बातें सोचिए। अपने बारे में दूसरों की राय को ज्यादा महत्त्व मत दीजिए और अपने को सफल होता देखने की आदत डालिए।
आत्मविश्वास बढ़ाएं आत्मविश्वास बढ़ाने का एक आसान और सहज तरीका है अपने को आईने में देखना। आईने के सामने खड़े होकर अपने से लगातार कहते रहिए कि आप खास हैं, हैंडसम या ब्यूटीफुल हैं। आईने में देखकर अपने अच्छे फीचर्स पर ध्यान दें। इससे आप अपनी खासियत को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश कर पाएंगे।
कई बार ऐसा होता है कि हम हमेशा अपनी बुराइयां ही देखते हैं। इस आदत के कारण लोग एक तरह की हीन भावना के शिकार हो जाते हैं।
इससे उन्हें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अपने में अच्छाइयां ढूंढें।
लिख डालो आत्मविश्वास हासिल करने के बाद उस तरफ बढ़ने की कोशिश करिए जो आप हासिल करना चाहते हैं।
अपने बारे में तमाम अच्छी बातें या अपने गुणों को लिख लें। कमजोरियों को लिख लें। यदि आपको लगता है कि आप जल्द ही भावुक हो जाते हैं या दुखी हो जाते हैं तो उसकी जड़ों को समझने की कोशिश करिए।
इससे आप अपने ही बारे में बेहतर समझ बना पाएंगे।
भीतर है खुशी याद रखिए दुनिया में तमाम ऐसे उदाहरण हैं कि जिनके पास खूब पैसा और शोहरत थी लेकिन वे कभी अपनी जिंदगी में खुश नहीं रह पाए। जाहिर है खुशी बाहर नहीं है, भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं है। यह पूरी तरह आप पर निर्भर है कि आप खुश रहना चाहते हैं या दु:खी। इसलिए हमेशा अपनी भीतर अच्छे पहलू को देखें। अब तक आपने जो कुछ भी अच्छा किया है, उस पर गर्व का अनुभव करें।
जैसे हैं वैसे ही रहें याद रखिए व्यक्तित्व में बदलाव एकाएक नहीं आते। रवैया एकाएक नहीं बदलता। इसलिए हमेशा जैसे हैं वैसे ही बने रहें और धीरे- धीरे अपने व्यक्तित्व को चमकाते रहें।
आप अलग हैं, आपमें कई खासियत हैं और आत्मविश्वास से भरे हुए भी हैं। आप इस बारे में सोचते रहे तो एक दिन आपमें बड़ा बदलाव आएगा। जाहिर है यह बदलाव आपके बारे में दूसरों की राय को भी बदल देगा। तब आप एक बेहतर व्यक्तित्व के मालिक हो जाएंगे।
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Source – KalpatruExpress News Papper

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