प्रतिष्ठित
संस्थान एमआईटी की एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक ने कैंसर के लिए पेपर टेस्ट
विकसित किया है। जिसके जरिए बीमारी की जांच आसानी से, सस्ती और जल्दी की जा सकेगी ताकि मरीज का
इलाज भी जल्दी शुरू हो सके।
मैसाचुसेट्स
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने घोषणा की कि इस प्रक्रिया में कैंसर की
जांच प्रेगनेंसी टेस्ट की तरह होगी। इसमें जांच के लिए यूरिन का सैंपल लिया
जाएगा और रिजल्ट कुछ मिनट में ही आ जाएगा। घोषणा के मुताबिक, इस टेस्ट की मदद से पहले संक्रामक बीमारियों
का पता लगाया जा चुका है और नई तकनीक अब गैर-संक्रामक बीमारियों का पता लगाने के
लिए भी इस प्रक्रिया के उपयोग को मुमकिन बना रही है।
एमआईटी
प्रोफेसर और हावर्ड ह्यूज मेडिकल इंस्टीट्यूट की इंवेस्टिगेटर संगीता भाटिया ने
इस टेक्नोलॉजी को डिवेलप किया है। यह टेक्नोलॉजी नैनो कणों पर आधारित है जो
ट्यूमर प्रोटीन प्रोटेसेज के साथ संचार करते हैं। हर कण सैकड़ों की तादाद में
बायोमार्कर छोड़ते हैं और मरीज के यूरीन में आसानी से इनका पता लगाया जा सकता
है। भाटिया ने कहा कि हमने इस नए सिंथेटिक बायोमार्कर का इजाद करने के बाद इसकी
एनालिसिस करने के लिए अल्ट्रा मॉडर्न इंस्ट्रूमेंट्स का प्रयोग किया। इसके
सकारात्मक नतीजे मिलने के आसार हैं।
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Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
बुधवार, 26 मार्च 2014
अब कैंसर का भी हो सकेगा पेपर टेस्ट
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