जैसे-जैसे
विश्व का तापमान बढ़ रहा है ऊंचे इलाकों में मलेरिया के फैलने का खतरा बढ़ रहा
है।
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने
अपने अध्ययन में पाया कि गर्म तापमान वाले दिनों में अफ्रीका और दक्षिण
अमरीका
के ऊंचे इलाकों में रहने वाले लोगों में मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा
बढ़ गया
है। उनका मानना है कि यदि भविष्य में तापमान और बढ़ा तो इस बात की
संभावना है कि कुछ
इलाकों में मलेरिया के लाखों और मामले सामने आएंगे।
विज्ञान की
पत्रिकाओं में छपे इस शोध पर काम करने वाले अमरीका के मिशिगन विश्वविद्यालय
के
प्रो. पास्कल ने बताया, मलेरिया के
चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या के तेजी से बढ़ने की
आशंका है।
रोग की चपेट
में-
अधिक ऊंचाई वाले इलाके हमेशा से मलेरिया जैसे
घातक रोग से बचने वालों के लिए स्वर्ग
माने जाते रहे
हैं। मलेरिया परजीवी और मलेरिया को जन्म देने वाले मच्छरों को कम तापमान
वाले
इलाकों में जिंदा रहने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। तापमान बढ़ता है तो
यूथोपिया के ऊंचाई
वाले इलाके मलेरिया के लिहाज से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
प्रो. पास्कल कहते हैं, अधिक
ऊंचाई
वाले क्षेत्रों में मलेरिया का खतरा कम पाया गया है। इसीलिए लोग मैदानी इलाकों
की बजाय
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बसना पसंद करते रहे हैं। मगर वैज्ञानिकों का
कहना है कि अब यह बीमारी उन
इलाकों में प्रवेश कर रही है जिन्हें पहले मलेरिया
मुक्त माना जाता था। इस जानकारी को पुख्ता
करने के लिए वैज्ञानिकों ने कोलंबिया
और यूथोपिया की घनी आबादी वाले इलाकों का अध्ययन
किया।
वहां साल 1990 से साल 2005 के बीच के तापमान और मलेरिया के आंकड़ों को
खंगाला गया। पाया
गया कि पहाड़ में गरम दिनों में मलेरिया के ज्यादा मामले पाए
गए जबकि ठंडे दिनों में कम। टीम
का मानना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि तापमान के
बढ़ने से मलेरिया के मामले बढ़े।
यूथोपिया जहां
आधी आबादी 1,600 मी और 2,400 मी के बीच की ऊंचाई वाले क्षेत्र में रहती
है,
वैज्ञानिकों
का मानना है कि मलेरिया के ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं।
पास्कल कहते
हैं, ऊंचाई के
हिसाब से मलेरिया का आकलन करें तो हमारे अनुमान के अनुसार हर
15 साल पर तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी से
मलेरिया के अतिरिक्त तीन लाख मामले बढ़
जाएंगे। टीम का मानना है कि वे इलाके
मलेरिया के लिहाज से ज्यादा खतरनाक हैं जहां पहले कभी
मलेरिया का मामला नहीं
पाया गया, इसलिए नए
इलाकों में रोग के फैलने पर ज्यादा ध्यान देने की
जरूरत है। ये भी देखा गया है
कि कम ऊंचाई वाले इलाकों की तुलना में नए इलाकों में रोग पर
काबू करना ज्यादा
आसान है क्योंकि यहां मलेरिया का रोग नया-नया फैला होता है। अंतरराष्ट्रीय
स्वास्थ्य संगठन के ताजा आंकलन के मुताबिक साल 2012 में मलेरिया के 20 करोड़ 70 लाख
मामले सामने आए और 627,000 मौतें दर्ज की गईं। मरने वालों में अधिकांशत: अफ्रीका के बच्चे
थे।
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational
story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं
तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:facingverity@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके
नाम और
फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
गुरुवार, 17 अप्रैल 2014
मलेरिया अब अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भी!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें