कौन बन सकता है आपका सोलमेट ?
Who is your soulmate ? |
एक दिन मेरे एक दोस्त की call आयी बड़ी ही ख़ुशी से उसने मुझे बताया कि उसकी शादी पक्की हो गयी है, यह सुन कर मैंने भी अपनी प्रसन्नता जताते हुए बदले में उसे बधाई दी और कहा कि ,” मुबारक हो ! आखिर तुम्हे तुम्हारा soul mate मिल ही गया ” पर अगले ही क्षण मैं अपनी ही कही गयी बात पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर थी कि क्या soul mate सिर्फ एक जीवनसाथी ही हो सकता है? अगर जीवन साथी ही होता है तो क्यों फिर शादियां टूटती हैं,क्यों होती है घरेलु हिंसा, क्यों कुछ समाजो में एक से अधिक विवाह कि परंपरा है तथा फिर क्यों हम अपने जीवन साथी से मन के सभी विचार ईमानदारी से शेयर करने से कतराते हैं? और फिर मैंने सही माइनों में life mate और soul mate के अर्थ को ढूंढने और समझने की कोशिश की.
आखिर कौन है ये soulmate? क्या आपका पति, आपकी पत्नी ??? शायद हाँ। ….शायद ना या शायद कोई और………….
आपका soulmate कोई भी हो सकता है. शारीरिक आकर्षण से परे वो आपका जीवन साथी हो सकता है, भाई- बहन, दोस्त, पड़ोसी, आपका टीचर ,किसी भी आयु का कहीं भी रहने वाला कोई भी व्यक्ति.
As the American writer Richard Bach said, “A soulmate is someone who has locks that fit our keys, and keys to fit our locks. When we feel safe enough to open the locks, our truest selves step out and we can be completely and honestly who we are.”
” एक सोलमेट कोई ऐसा होता है जिसके पास हमारी चाभियों में फिट होने वाले ताले होते हैं , और हमारे तालों में फिट होने वाली चाभियां होती हैं। जब हम तालों को खोलना सुरक्षित समझते हैं , तब हमारा असल मैं बाहर आता है और हैम पूरी तरह से और ईमानदारी से वो हो सकते हैं जो हम हैं। “
अक्सर लोग soulmate शब्द को marriage से connect करते हैं. ईश्वर ने जब ये दुनिया बनायी तो इस दुनियां को बढ़ाने के लिए एक मर्द बनाया औए एक औरत बनायी साथ ही मानव को एक developed और civilized brain दिया. हम सब यह जानते हैं कि मनुष्य तीन तत्वों से मिल कर बना है mind , body and soul . Body कि ज़रुरत की पूर्ति मनुष्य विवाह करके अपने जीवन साथी से कर सकता है. मनुष्य विवाह करता है इसलिए की उसके मन में कहीं न कहीं अकेले रह जाने का भय रहता है और क्योंकि मनुष्य कि प्रवृत्ति होती है प्रेम करने की इस लिए वह किसी न किसी को अपने साथी के रूप में स्वीकार करता है.
कुछ लोग शारीरिक तौर पर तो संतुष्ट होते हैं पर मानसिक धरातल या mind level पर कहीं न कहीं अधूरे रहते हैं. Your soulmate makes you feel entirely whole, healed and intact, like no piece is missing from the puzzle.
अब बात करते हैं आत्मिक स्तर की , शास्त्रोँ में भी कहा गया है कि शरीर से जब शिव तत्व (यानि आत्मा )निकल जाती है तो सिर्फ शव(यानि शरीर) ही रह जाता है वो भी एक मृत दिमाग के साथ जिसका कोई महत्व नहीं. हम सब जानते हैं कि आत्मा न तो स्त्री है और न ही पुरूष वह तो अपने kaarmik account कि वजह से अलग- अलग शरीर धारण करती है ,आत्मा को कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि वह तो एक energy है, शुद्ध है , शाश्वत है, किसी मानवीय सम्बन्धों, अपेक्षाओं और शारीरिक सीमाओं से परे है एक ईश्वरीय तत्व है, क्यों कि वह ईश्वर की है इसलिए वह उसे अपने पास बुला लेते हैं .
अपनी शारीरिक ज़रूरतों को तो सभी पहचान लेते हैं, चाहे वह पशु हो या मनुष्य . उससे कम लोग अपनी मानसिक ज़रुरत को realize कर पाते हैं और बहुत ही कम व्यक्ति अपनी soul कि need को पहचान पाते हैं. यही कारण है कि इस धरती पर लोग अक्सर अपने soulmate को पहचानने में असफल रहते हैं और एक अधूरा जीवन जी कर इस दुनिया से चले जाते हैं.
अब प्रश्न यह भी उठता है कि soulmate को पहचाना कैसे जाये? तो इसका सीधा सा उत्तर है कि वो पहेली के उस कड़ी कि तरह होता है जिसके मिल जाने से पूरी पहेली सुलझ जाती है. एक soulmate आपके अंदर जो भी undeveloped strengths या desires को पहचान कर उसको एक आकर देता है. स्वाभाविक है कि जब कोई आपको शारीरिक और मानसिक स्तर से ऊपर उठ कर प्रेम करता है तो वो सिर्फ आपकी ख़ुशी में ही अपनी ख़ुशी देखता है.
इससे ऊपर एक super soulmate भी है और वो है ईश्वर क्यों कि वह हर प्राणी के soul से connected है उसी ने ही हर महुष्य के लिए कोई न कोई soulmate बनाया है. जिस तरह से एक शरीर को आत्मा पूर्ण करती है उसी तरह से उस आत्मा को पूर्ण होने के लिए भी एक दूसरी soul कि आवश्यता होती है. जो उस soul की भी soul होती है.
ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि आत्मिक सम्बन्धों में emotional challenges नहीं आते पर उसके बावजूद भी जीवन के उतार -चढ़ाव में और असंख्य कमियों के बाद भी जिस से आपकी आत्मा जुडी रहे सही मायनो में वही आपका soulmate है. ‘It’s like finding the half part of your heart’.
इतना ही नहीं आपका soulmate आपका गुरु भी होता है . भगवान् श्री कृष्ण और राधा से अच्छा उदाहरण तो कोई हो ही नहीं सकता. भगवान् श्री कृष्ण, जिन्होंने दुनिया को प्रेम करना सिखाया , उन्होंने राधा जी को अपना गुरु माना क्यों कि प्रेम करना उन्होंने राधा से सीखा, मीरा ने श्री कृष्णा को अपना सर्वस्व समर्पित किया. सोल से जुड़ना किसी को पाने की चरम स्थिति होती है और उस से आगे कोई सीमा नहीं .
यह सत्य है कि मनुष्य के अंदर प्रेम कि अनंत धारा विद्यमान होती है जिस पर अधिकार सिर्फ सीमित लोगो का नहीं हो सकता है यह भी सत्य है है कि उस प्रेम कि धारा का स्रोत होता है उस मनुष्य का soulmate .
कुछ लोग ये ज़रूर सोचेंगे कि कभी – कभी हमें अपने जीवन में कोई ऐसा मिलता है कि हमें थोड़े समय के लिए लगता है कि यही वो इन्सांन है जो मेरा soulmate है पर कुछ समय बाद feelings change हो जाती हैं, तो इस बात पर मैं ये कहूँगी कि finding a soul – mate is a journey और इस सफ़र के पूरे होने कि अवधि निर्भर करती आपकी तलाश पर.
तो क्या आप नहीं चाहेंगे की आपको आपकी आत्मा का वो आधा हिस्सा मिले जिस से मिलने के बाद ही आप पूरे होते हैं. तो कौन है आपका सोलमेट? है तो यहीं कहीं इसी दुनिया में ईश्वर के बनाये इसी संसार में सिर्फ आपके लिए . “only for you”. वो आपकी आत्मा पर लगे हर घाव को भर देगा .. यह तो एक तलाश है, सफ़र है दो आत्माओं के एक होने का और अपने सम्पूर्णता के चरम पर पहुँचने का .
Soulmate को ढूंढ़ने के सफ़र कि बात पर किसी शायर ने भी क्या खूब कहा है,
जिस्म कि बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था
लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है …………..
लम्बी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है …………..
It is a love like no other, a bond like no other and an experience like no other………………
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We are grateful to Mrs. Shikha Mishra (Lecturer,Psychology) for sharing this excellent Hindi article on Finding a Soulmate with FV . Thanks a lot.
निवेदन :कृपया अपने comments के through बताएं की ये POST आपको कैसी लगी .
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