1.
दूसरे
धर्मो की निंदा करना गलत है। सच्चा व्यक्ति वह है जो दूसरे धर्मो की भी हर उस बात
का सम्मान करता है जो सम्मान के लायक है। ~~ सम्राट
अशोक
2.
हम
भारतीय सभी धर्मों के प्रति केवल सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं करते , वरन सभी धर्मों को सच्चा मानकर स्वीकार भी करते हैं | ~ स्वामी विवेकानंद
3.
जो
उपकार करे, उसका प्रत्युपकार करना चाहिए, यही सनातन धर्म है | ~ वाल्मीकि
4.
प्रलोभन
और भय का मार्ग बच्चों के लिए उपयोगी हो सकता है| लेकिन सच्चे धार्मिक व्यक्ति के दृष्टिकोण में कभी लाभ हानि वाली
संकीर्णता नहीं होती| ~ आचार्य तुलसी
5.
मनुष्य
की धार्मिक वृत्ति ही उसकी सुरक्षा करती है| ~ आचार्य
तुलसी
6.
धार्मिक
व्यक्ति दुःख को सुख में बदलना जानता है| ~ आचार्य
तुलसी
7.
धार्मिक
वृत्ति बनाये रखने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं हो सकता और धार्मिक वृत्ति को खोने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता| ~ आचार्य तुलसी
8.
अहिंसा
ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है | ~ महात्मा गांधी
9.
अभागा
वह है, जो संसार के सबसे पवित्र धर्म
कृतज्ञता को भूल जाती है | ~ जयशंकर
प्रसाद
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