बोर्ड
परीक्षाएं हमेशा से छात्रों को पढ़ने के नये-नये तरीके खोज निकालने को प्रेरित
करती रही हैं, परीक्षाएं आते
ही तरह-तरह के उपाय विद्यार्थियों द्वारा अपनाए जाते हैं, जिससे उनके अंक अच्छे आ जाएं। बोर्ड
परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और इसी के साथ शहर की दवाई की दुकानों पर याददाश्त
बढ़ाने का दावा करने वाली दवाइयों की बिक्री तेज हो गयी है। पेश है स्मिता सिंह
की रिपोर्ट..
परीक्षा में
ज्यादा से ज्यादा अंक लाने की प्रतिस्पर्धा और दबाव के साथ ही पारिवारिक
अपेक्षाओं से दबे हुए छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के साथसा थ दूसरे कई तरीके भी
चुनने लगते हैं, जिससे उनके
अंक दूसरों से बेहतर आ जाएं। इसके लिए वे परीक्षा की तैयारी से लेकर परीक्षा
खत्म होने तक कई बार याददाश्त बढ़ाने वाली दवाइयां खाने से भी परहेज नहीं करते।
उन्हें लगता
है कि इन दवाइयों के खाने से उनकी बुद्धि तेज हो जाएगी और उन्हें सब कुछ तेजी से
याद होता जाएगा। आश्चर्य की बात तो यह है कि इसमें उनके माता-पिता की हामी भी
होती है। जबकि इन दवाइयों के दावे खोखले ही होते हैं और इनका अत्यधिक सेवन सेहत
के साथ खिलवाड़ करना है।
मनोवैज्ञानिकों
के अनुसार याददाश्त बढ़ाने वाली दवाएं यदि सचमुच कारगर होतीं तो सारे छात्र टॉपर
न हो जाते। लेकिन तेजी से सब कुछ करने और हर क्षेत्र में शॉर्टकट अपनाने का
शौकीन युवा इन दवाइयों को आजमाते हुए बिल्कुल नहीं हिचकता।
गोलियां करती
हैं दिमाग को जाम –
छात्रों
द्वारा बुद्धि के विकास के लिए ली जाने वाली ये दवाइयां उनके दिमाग को जाम कर
सकती हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन दवाओं को लेने से पहले युवा अपने
चिकित्सक से सलाह तक नहीं लेते। वे अपने नियमों के अनुसार ही इन दवाइयों को लेने
लगते हैं, जिनसे उन्हें
नुकसान पहुंच सकता है। मेमोरी प्लस,काड्रिक्स जैसी दवाइयां दिमाग के लिए मुश्किल पैछा कर सकती हैं, साथ ही दूसरे कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते
हैं।
परीक्षा के
सीजन में बढ़ती है बिक्री –
इस बदलते मौसम
में होने वाली बीमारियों की तुलना में मेमोरी बढ़ाने वाली दवाइयों की बिक्री
ज्यादा होती है। यूनिवर्सिटी से लेकर कॉलेज और सीबीएसई, आइएससी, आइसीएससी व यूपी बोर्ड की परीक्षाएं इसी माह में होती हैं। इसलिए इनकी
बिक्री भी इस समय काफी तेज हो जाती है। बोदला स्थित मेडिकल स्टोर संचालक नदीम की
मानें तो इन दवाओं की पूरे साल कोई खास मांग नहीं रहती लेकिन फरवरी लगते ही इनकी
मांग होने लगती है और मार्च-अप्रैल तक खूब बिकती हैं। इस दौरान वह दस हजार तक की
दवाइयों की बिक्री कर लेते हैं।
खेलों से
बढ़ता है दिमाग –
कई तरह के ऐसे
गेम हैं, जिनके कारण
छात्रों के दिमाग की याददाश्त क्षमता बढ़ सकती है। पिल्स लेने से बेहतर होगा कि
छात्र पजल्स जैसे गेम खेलकर अपने दिमाग की कसरत करें और उसकी याददाश्त को
बढ़ाएं। इसके साथ ही स्वस्थ जीवन शैली और स्वास्थ्यवर्धक भोजन भी दिमाग के विकास
में मदद करता है।
याददाश्त
बढ़ाने वाली दवाइयां-
1- शंखपुष्पी
2- ब्राrी
3- मेमोरी प्लस
4- काड्रिक्स
5- मेमोरी गोल्ड
क्या कहते हैं
विशेषज्ञ –
छात्रों को
ऐसी दवाइयां नहीं लेनी चाहिए। मेमोरी पिल्स को लेने से हड्डियों के कमजोर होने
का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही वजन
बढ़ने की संभावना भी जयादा रहती है। यही नहीं कई बार गलत तरीके से लगातार ली
जाने वाली मेमोरी पिल्स से किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचने की संभावना से इंकार
नहीं किया जा सकता है।
डा. एमएस
सिंघल, फिजीशियन
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Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
शनिवार, 29 मार्च 2014
ऐसे तो सभी टॉपर बन जाते
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