पुरानी चीजों
को जांचने-परखने की योग्यता और रुचि रखने वालों के लिए आर्कियोलॉजी एक
बेहतरीन
करियर विकल्प हो सकता है। आर्कियोलॉजी दो शब्दों आर्कियो यानी पुरानी चीजें और
लॉगोज यानी विज्ञान से बना है।
भारत जैसे
सांस्कृतिक विरासत वाले देश में तो यह और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
आर्कियोलॉजी
बहु विषयों वाला विषय हैं, जिसमें मानव शास्त्र, भूगोल और
रसायन विज्ञान शामिल
हैं। इसमें मानव संस्कृति और इतिहास का वैज्ञानिक और
चरणबद्ध रूप से अध्ययन शामिल है।
न्यूमिसमेटिक्स(मुद्राशास्त्र)-
इसमें सिक्कों की पढ़ाई होती है।
सिक्कों से
लुप्त हो चुके इतिहास के बारे में जानने में बड़ी मदद मिलती है।
एपीग्राफी(पुरालेख
विद्या)-
इसमें गूढ़लेखों, आज्ञापत्रों और पांडुलिपियों का अध्ययन
होता है। इसमें कॅरियर बनाने के लिए
धैर्य, फील्ड वर्क और खोज विधा ये तीन चीजें आवश्यक है। भारत में नए प्रोजेक्ट्स पर
काम
करने के लिए अनुभवी और प्रतिभावान आर्कियोलॉजिस्ट्स की बहुत मांग है। इनमें
से
आर्कियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया में सबसे ज्यादा अवसर हैं।
इन संस्थानों
में होती है पढ़ाई-
अवधेश प्रताप
सिंह यूनिवर्सिटी रीवा
बंगलोर
यूनिवर्सिटी बेंगलुरू
बनारस हिन्दू
यूनिवर्सिटी वाराणसी
छत्रपति
साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर
डेकन कॉलेज ऑफ
पोस्ट ग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट पुणो
दीनदयाल
उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरखपुर
गुजरात
यूनिवर्सिटी अहमदाबाद
जिससे आपका
करियर बेहतर होगा।
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Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
शुक्रवार, 11 अप्रैल 2014
पुरानी चीजों में है दिलचस्पी तो बनें आर्कियोलॉजिस्ट
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