नई दिल्ली, [हरिकिशन शर्मा]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं पर खासे मेहरबान हैं। उनकी सरकार ने अनिश्चित भविष्य समेत अन्य कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे युवाओं के लिए राष्ट्रीय युवा आयोग गठित करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं, मोदी सरकार ने युवाओं को नौकरी दिलाने और कारोबार शुरू करने में मदद के इरादे से एक कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग भी बनाया है। केंद्र सरकार में यह बिल्कुल नया विभाग है। इसे खेल और युवा कार्य मंत्रालय से संबद्ध किया गया है। नया विभाग बनने के बाद इस मंत्रालय का नाम भी अब कौशल विकास, उद्यमशीलता, युवक कार्यक्रम और खेल मंत्रालय हो गया है। यह पहली बार है कि केंद्र सरकार में कौशल विकास के लिए अलग से कोई नया विभाग बनाया गया है। अब तक यह कार्य विभिन्न एजेंसियों के बीच बटा था।
सूत्रों ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 77 के तहत भारत सरकार (कार्य आवंटन नियम), 1961 में संशोधन कर इस नए विभाग का गठन किया गया है। खासतौर से युवाओं के लिए बनाए गए इस विभाग का मुख्य कार्य कौशल विकास के लिए उपयुक्त ढांचा तैयार करने को सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना होगा। इसके साथ ही विभाग मौजूदा नौकरियों तथा सृजित की जाने वाली नई नौकरियों के लिए जरूरी व्यावसायिक तथा तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल विकास, नई सोच और प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का काम भी करेगा। यह विभाग शैक्षिक संस्थाओं, व्यापारिक और सामुदायिक संगठनों के बीच भागीदारी भी स्थापित करेगा, ताकि युवाओं को परिसर चयन में मदद मिल सके और शैक्षिक संस्थान किसी उद्योग विशेष की जरूरत के अनुसार छात्रों को प्रशिक्षण दे सकें। नया विभाग कौशल विकास और उद्यमशीलता शिक्षा के लिए तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाने पर भी जोर देगा।
डब्ल्यूटीओ में सरकार का रुख बताएंगे भाजपा सांसद
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में पश्चिमी देशों के प्रस्ताव को वीटो करने के बाद अब केंद्र सरकार आम जनता के बीच अपनी किसान समर्थक छवि बनाने में जुट गई है। भाजपा ने अपने सांसदों से डब्ल्यूटीओ में सरकार के किसान हितैषी रुख अपनाने की बात जनता के बीच ले जाने को कहा है। संसदीय दल की बैठक में सोमवार को पार्टी नेताओं ने यूपीएससी परीक्षा पर निकाले गए समाधान को उपलब्ध विकल्पों में सबसे बेहतर बताया।
बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विश्व व्यापार संगठन में हुई वार्ताओं की जानकारी देते हुए सांसदों से इस मामले पर सरकार का रुख जनता के बीच ले जाने को कहा। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि किसानों के हितों का साथ कोई समझौता नहीं होने दिया जाएगा। भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि खाद्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर मान्य समाधान का रास्ता नहीं निकलने तक वह ट्रेड फेसिलिटेशन एग्रीमेंट पर दस्तखत नहीं करेगा। बैठक में सांसदों ने यूपीएससी परीक्षा का मुद्दा भी उठाया। हालांकि नकवी के मुताबिक सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने सांसदों को बताया कि सीसैट मामले पर उपलब्ध विकल्पों में त्वरित और बेहतर समाधान निकाला गया। संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामयाब नेपाल दौरे को भी सराहा गया। सांसदों ने इस दौरे के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देने के साथ ही उम्मीद जताई कि इससे भारत और नेपाल के रिश्तों में नई ऊर्जा आएगी।
Courtesy-www.jagran.com
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