यह कहानी
सुनाने का तात्पर्य यह था कि मनुष्य को भी पेंसिल की तरह बनना चाहिए जो कष्ट
सहकर भी अंदरूनी सुंदरता को निखारे।
जिंदगी में ‘ए’ की आवश्यकता
अगर अंग्रेजी
अक्षरों को नम्बरों के अनुसार गिना जाए तो ए को 1, बी को 2, सी को 3.. मिलते हैं।
इसी तरह अगर ‘स्किल’ शब्द के सभी अक्षरों के नम्बरों को जोड़ा जाए तो 63 अंक मिलते हैं।
‘नॉलेज’ से 96 अंक, ‘हार्ड वर्क’ से 98 अंक लेकिन ‘एटीटय़ूड’ यानी आचरण से पूरे 100 अंक मिलते हैं। इसीलिए हमें सफलता प्राप्त
करने के लिए अपना आचरण बदलना होगा। चीजों को समझने का तरीका बदलना होगा। हाईटेक
बनने से पहले हाईटच बनना होगा।
जिंदगी में
बदलाव की दरकार –
हमें हमारी
जिंदगी में पूरा बदलाव लाना होगा। चाहे वह रहन-सहन हो, खान-पान हो या फिर सामाजिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलू।
सिर्फ काम
करते रहना जिंदगी नहीं है। शरीर को चलाने वाली आत्मा को रीचार्ज करने के लिए
ध्यान और योग भी अति आवश्यक हैं। ध्यान और योग से आत्मा की बैट्री रीचार्ज होती
है और काम करने की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
दिमाग की सफाई
करो –
एक व्यक्ति के
मस्तिष्क में एक दिन में लगभग पचास हजार विचार उत्पन्न होते हैं। वे आवश्यक, अनावश्यक, सकारात्मक, नकारात्मक और
व्यर्थ होते हैं। इन सभी में सकारात्मक विचार सबसे कम होते हैं। यही कारण है कि
किसी भी नई बात को ग्रहण करने में बहुत कठिनाई होती है। इसीलिए किसी भी नई चीज
को सीखने से पहले पुरानी बातों को दिमाग से निकालना चाहिए। दिमाग की सफाई बहुत
जरूरी है।
रोजाना
व्यायाम करें –
सुबह के वक्त
सुहावने मौसम में हर व्यक्ति को आधे से पौने घंटे तक पैदल चलना चाहिए। जो लोग
रोजाना वॉक नहीं करते हैं वे अपनी आयु से लगभग आधा घंटा रोज कम कर रहे हैं।
वॉक करने से
रक्त का संचार बढ़ता है और कई बीमारियों से राहत मिलती है। गर्मी के मौसम में
अधिक से अधिक फलों का सेवन करें। खूब पानी पिएं और जले हुए तेल को दोबारा
इस्तेमाल न करें।
मन रहे चिंताओं
से दूर-
एक बार दो मित्र नदी पार कर रहे थे। रास्ते
में उन्होंने देखा कि एक कन्या पानी में डूब रही थी। एक व्यक्ति रुका और उसे
अपने सिर पर बैठाकर नदी पार करा दी। इस पर दूसरा व्यक्ति बहुत क्रोधित हुआ, सोचने लगा कि हमारे धर्म के अनुसार किसी
कन्या को छूना पाप है। उसने क्रोध वश अपने मित्र से पांच दिन बात नहीं की। जब
रहा न गया तो उसने मित्र से कहा, ‘तुमने उस दिन उस कन्या को उठाकर बहुत गलत काम किया है।’ दूसरे मित्र ने हंसते हुए कहा, ‘मैंने उसे पांच मिनट उठाया था लेकिन तुम
उसे पांच दिन से अपने सिर पर उठाए हुए हो।’
सोच हो
सकारात्मक –
किसी भी विषय
पर सोचने से पहले भी सोचिए कि जो मैं सोचने जा रहा हूं वह मुङो सकारात्मक ऊर्जा
देगा? मेरे आस-पास
के लोगों को इससे खुशी होगी? ऐसा सोचेंगे तो नकारात्मक विचारों की संभावना बहुत कम हो जाएगी। इसके अलावा
यदि हमारा आधा समय यह सोचने में निकल जाता है कि दूसरा व्यक्ति मेरे बारे में
क्या सोचता है? तो यह
नकारात्मक सोच है। अपने ऊपर विश्वास होना चाहिए इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
अपने टैलेंट
को पहचानें-
एक बार हथौड़ी और चाबी में बहस हो रही थी।
हथौड़ी ने कहा, ‘मैं इतनी बलशाली हूं, लेकिन ताले पर कई वार करने के बावजूद नहीं
खुलता है। लेकिन, चाबी तुम इतनी
छोटी और पतली हो फिर भी तुम्हारे हल्के दबाव से ताला खुल जाता है।’ इस पर चाबी ने कहा, ‘तुम बलशाली हो मगर गलत जगह पर वार करती हो
मैं कमजोर हूं लेकिन सही जगह पर अपनी ऊर्जा लगाती हूं, इसलिए सफल होती हूं।’
वर्तमान में
जीना है –
अधिकतर लोग 40 फीसदी भूतकाल में 40 फीसदी भविष्यकाल में और 20 फीसदी वर्तमान काल में जीते हैं। जबकि
भूतकाल एक सपना है, भविष्यकाल
कल्पना है और वर्तमान अपना है।
इसलिए भूतकाल
को भुला दें, भविष्यकाल के
विषय में सोचकर अपना समय बर्बाद न करें।
सिर्फ वर्तमान
काल की चिंता करें। जो करना है अभी करना है, कल किसने देखा है। जिंदगी को कुछ इस तरह आसान कर दीजिए, किसी से माफी मांग लीजिए और किसी को माफ कर
दीजिए।
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Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
सोमवार, 4 अगस्त 2014
How To Stay relaxed
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