शौक-शौक में
लगे अभिनय के चस्के को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बनाने के लिए बहुत से लोग नेशनल
स्कूल ऑफ ड्रामा यानी एनएसडी का रुख करते हैं।
भारत सरकार के
संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले एनएसडी का उद्देश्य लोगों को ऐसा रचनात्मक
माहौल देना है, जहां वे अपनी
अभिव्यक्ति के हुनर को निखारकर भारतीय थियेटर के विकास में अपना योगदान दे सकें।
वैसे तो एनएसडी में कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन, फिलहाल यहां प्रमुख कोर्स डिप्लोमा कोर्स
इन ड्रामेटिक्स आर्ट्स में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। थियेटर और
फिल्म उद्योग की चर्चित हस्तियों से जुड़ा यह संस्थान अभिनय जगत में पहचान बनाने
के इच्छुक लोगों के लिए एक बड़ा मंच है।
क्या है कोर्स-
डिप्लोमा कोर्स इन ड्रामेटिक्स आर्ट्स तीन साल
का कोर्स है। इसका उद्देश्य छात्रों को एक्टिंग, थियेटर की तकनीकों और इससे जुड़ी विधाओं में पारंगत बनाना है। तीन साल के इस
कोर्स में स्टूडेंट को अभिनय की बारीकियों से रूबरू करवाया जाता है। सबसे ज्यादा
अभिनय के अभ्यास पर जोर दिया जाता है। पहले साल में एक्टिंग और थियेटर तकनीकों
से अवगत कराया जाता है। दूसरे साल में आप स्पेशलाइजेशन चुनते हैं।
तीसरे साल में
स्पेशलाइजेशन को विस्तार दिया जाता है। इससे आप अभिनय के हर पहलू को समझ जाते
हैं।
क्या है
योग्यता-
इस कोर्स में प्रवेश के लिए आपका किसी भी विषय
में ग्रेजुएट होना जरूरी है। आपके पास कम से कम 6 थियेटर प्रोडक्शन्स का अनुभव होना चाहिए।
उम्र सीमा 20 से 30 साल के बीच रखी गई है। हिंदी और अंग्रेजी की जानकारी होनी जरूरी है।
कैसे होगा चयन-
इस कोर्स में प्रवेश के लिए सबसे पहले एनएसडी
के पांच केंद्रों दिल्ली, मुंबई, बेंगलु़रू, कोलकाता और गुवाहाटी में प्रारंभिक परीक्षा या ऑडिशन लिया जाएगा। इसका
माध्यम हिंदी या अंग्रेजी किसी को भी चुना जा सकता है। इस परीक्षा मे पास होने
पर आपको एनएसडी परिसर में आयोजित 4-5 दिन की वर्कशॉप में भाग लेना होगा।
इसके बाद ही
चयन समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। एनएसडी में प्रवेश से पहले आपका
मेडिकल फिटनेस टेस्ट भी लिया जाएगा। एनएसडी में प्रवेश पाने वालों को प्रतिमाह 6000 रुपये की स्कॉलरशिप भी दी जाती है ताकि वे
अपनी पढ़ाई पर होने वाला खर्च आसानी से उठा सकें। तीन साल के इस कोर्स में 26 सीटें हैं, जिसमें से 10 सीटें
अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं।
क्या हैं अवसर-
एनएसडी से उक्त कोर्स करने वालों को अभिनय और
थियेटर की बारीकियों को करीब से समझने का मौका मिलता है।
यहां उन्हें
अपने हुनर को निखारने के साथ-साथ उसे लोगों के समक्ष पेश करने के भी अवसर मिलते
हैं। अभिनय की बारीकियां समझने के लिए मानवीय भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति का
रचनात्मक माहौल यहां दिया जाता है। एनएसडी से निकलने के बाद पेशेवर थियेटर करने
का विकल्प रहता है। इससे आगे बढ़ने पर फिल्मों के रास्ते खुलते हैं। एनएसडी से
निकले कई चेहरे फिल्म उद्योग में एक अलग पहचान रखते हैं।
कैसे करें
आवेदन-
एनएसडी में आवेदन के लिए फॉर्म डाक से मंगवाया
भी जा सकता है और इसे संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट
एनएसडी डॉट जीओवी डॉट इन से डाउनलोड भी किया जा सकता है। डाउनलोड की प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू होगी।
डाउनलोड किए
गए फॉर्म को पूरा भरें। इसके साथ 150 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट डायरेक्टर, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली के पक्ष में बनवाकर साथ में भेजना
है।
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Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
मंगलवार, 27 मई 2014
थियेटर के किरदारों में ढूंढें करियर
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