एक बहुत बड़ी company के CEO जल्द ही retire
होने वाले
थे.
वो इस company को बहुत ही मेहनत से इस मुकाम पर लाये थे.
इसलिए वो चाहते थे की किसी काबिल व्यक्ति को ही अपना उत्तराधिकारी बनाए.
इसके लिए उन्होंने अपने company में कार्य करने वाले सभी होनहार युवाओं की एक
मीटिंग बुलाई.
उन्होंने उस मीटिंग में सभी को एक-एक पोधे का
बीज दिया.
और कहा- ” इस बीज को आप लोग घर ले जाकर एक गमले में रोपे, इसकी देखभाल करें,
इसे पानी दे, नियमित धूप दे, और एक साल बाद जिसका भी पौधा सबसे अच्छा होगा. उसे company का भावी CEO नियुक्त किया जाएगा.
सभी कार्यकर्ता इस बात से बहुत खुश हुए, सभी को यकीन था की वो ही इस प्रतियोगिता में
विजय होगे.
इन्ही में से एक काबिल नौजवान लड़की थी ‘भावना’. उसे भी इसमें बड़ा interest
आया.
जैसे ही ऑफिस से छुट्टी हुई, वो रास्ते में एक छोटा प्यारा गमला ख़रीद
लायी. और घर जाते ही उस बीज को उस गमले में रोप दिया.
उसने अपने पापा को भी सारी बात बताई. और उसके
पापा भी उसके साथ खुश हुए. पर उन्होंने उसे ये भी सलाह दी की वो अपने काम पर भी
पूरा ध्यान दे. इस बीज के साथ साथ, अपने office
के हर कार्य
को संपूर्ण लगन से करे..
कुछ दिन बीत गए.. भावना रोज गमले में पानी देती, उसका पूरा ध्यान रखती. पर उसमे से कुछ भी
नहीं निकलता.
1 हफ्ता गुजरा, 2 हफ़्ते गुजरे,
1 महीना हो
गया.. पर वो बीज अंकुरित नहीं हुआ..
भावना बहुत उदास हुई.. पर वो अपने काम में मन लगाये
हुए थी..
6 महीने बाद भावना ने अपने बचपन के दोस्त से
शादी कर ली.. और अपने नए घर में अपना गमला भी लेकर आई..
समय बीतता गया.. गमले में कुछ भी नहीं उगा.. भावना को रोज गमले में पानी डालते देख, उसके पति ने भी उससे सवाल किया की आखिर ये है
क्या?
तब उसने उसे सबकुछ बता दिया. उसने भावना को परेशान न होने की सलाह दी और काम करते
रहने को कहा..
धीरे धीरे वो दिन भी आ गया. जब सभी को company में अपने अपने पौधे लेकर आने थे.
भावना ने अपने पति से कहा की वो इस ख़ाली गमले के
साथ company
नहीं जा
सकती. ऐसे तो उसकी बहुत बैज्ज़ती होगी.
उसके पति ने उसे समझाया की उसे honest रहना चाहिए. और जो हुआ उसे फेस करना चाहिए.
भावना ख़ाली गमला लेकर company गयी.
उसे इस तरह देख सभी ने उसका मजाक उड़ाया. तभी meeting start हो गयी. company के CEO ने सभी के हरे भरे गमले देख फक्र से कहा, “मुझे आप सभी पर गर्व है. आपने अपने पौधों का बहुत ही अच्छा ख्याल रखा है.”
पर जैसे ही भावना का गमला देखा.. उन्होंने उससे पूछा की आखिर
उसका गमला ख़ाली क्यों है?
भावना ने उन्हें सबकुछ सच सच बता दिया.
CEO ने भावना को छोड़ सभी को बैठने के लिए कहा.
और announce किया “आज से आपकी नयी CEO
है भावना शर्मा”
सभी हैरान हो गए.
“आखिर ये CEO कैसे बन सकती है?
इसका तो
पौधा उगा भी नहीं.”
सभी ने सवाल
उठाये.
तब वृद्ध CEO ने कहा- “दरअसल, एक साल पहले मैंने आप सभी को जो बीज दिए थे. वो उबले हुए थे. उनमे जान ही नहीं
थी. उनमे से पौधा उगाया ही नहीं जा सकता था. केवल भावना ने ही सच्चाई सामने रखी. और इसीलिए यही CEO पद की असली हक़दार है.”
मैंने अपनी इस छोटी सी life में बहुत सारे छोटे बड़े झूट बोले होगे. पर
मैं सभी को स्वीकार भी करता हूँ की “हाँ,
मैंने ऐसा
किया.”
सभी को ऐसा करना चाहिए. सच बेहतर होता है.
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Courtesy- Hindisoch.net
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