D.V. Sadanand Gowda – कर्नाटक के मुख्यमंत्री देवरगुंड वेंकटप्पा सदानंद गौड़ा
देवरगुंड वेंकटप्पा सदानंद गौड़ा का जीवन परिचय
कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री डी.वी. सदानन्द गौड़ा का जन्म 18 मार्च, 1953 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ प्रांत में हुआ था. इनका परिवार कर्नाटक के प्रसिद्ध कोडगु गौड़ा जातीय समुदाय से संबंध रखता है. डी.वी. सदानंद गौड़ा का वास्तविक नाम देवरगुंड वेंकटप्पा सदानंद गौड़ा है. डी.वी गौड़ा ने सेंट फिलोमेना कॉलेज, पुत्तुर (कर्नाटक) से विज्ञान विषय में स्नातक की उपाधि ग्रहण करने के बाद उडुपी वैकुंट बालिगा कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की. वर्ष 1976 में डी.वी. गौड़ा ने सुल्या और पुत्तुर में वकालत का अभ्यास करना प्रारंभ कर दिया. कई वर्ष तक वह उत्तर कन्नड़ प्रांत में सार्वजनिक अभियोजक भी रहे, लेकिन अपने राजनैतिक कॅरियर पर ध्यान देने के लिए उन्होंने जल्द ही इस पद से इस्तीफा दे दिया. वर्ष 1980 में डी.वी. सदानंद का विवाह दैत्ती सदानंद से संपन्न हुआ. इनके दो बेटे थे, लेकिन वर्ष 2003 में एक सड़क दुर्घटना के कारण गौड़ा दंपत्ति के बड़े बेटे की मृत्यु हो गई.
डी.वी. सदानंद गौड़ा का व्यक्तित्व
डी.वी. सदानंद गौड़ा एक अच्छे राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ अपने परिवार के भी बेहद नजदीक हैं. कई वर्षों से राजनीति में होने के कारण उन्हें सभी राजनैतिक दांव-पेंचों की भी अच्छी समझ है.
डी.वी. सदानंद गौड़ा का राजनैतिक सफर
डी.वी. सदानंद गौड़ा ने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में रुचि लेनी शुरू कर दी थी. वह सक्रिय तौर पर छात्र राजनीति से जुड़े रहे. जल्द ही वह लॉ कॉलेज के छात्र संघ के महासचिव बन गए. इसके तुरंत बाद ही वह बीजेपी की छात्र शाखा एबीवीपी के जिला महासचिव चयनित हुए. डी.वी. सदानंद गौड़ा ने भूतपूर्व जनसंघ की सुल्या विधानसभा खंड के अध्यक्ष पद से राष्ट्रीय राजनीति में प्रदार्पण किया. इसके बाद वह दक्षिण कन्नड़ युवा मोर्चा के अध्यक्ष, दक्षिण कन्नड़ बीजेपी के उपाध्यक्ष, राज्य स्तर पर भाजपा युवा मोर्चा के सचिव, राज्य स्तर पर भाजपा के सचिव और अंत में राष्ट्रीय स्तरीय भाजपा के सचिव चयनित हुए. दक्षिण कन्नड़ के पुत्तुर निर्वाचन क्षेत्र से जीतने के बाद वह दो बार (1994,1999) विधानसभा सदस्य भी रहे. विधानसभा सदस्य के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान डी.वी. सदानंद गौड़ा विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भी रहे. राज्य विधानसभा में अपने कार्यकाल के दौरान डी.वी. गौड़ा ने कई महत्वपूर्ण समितियों में अपनी भागीदारी दी, जिनमें महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार पर रोक लगाने वाले मसौदे को तैयार करने के लिए बनाई गई समिति, सार्वजनिक उपक्रम के लिए समिति, ऊर्जा, ईंधन, बिजली की समिति आदि प्रमुख हैं. वर्ष 2003 में वह लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी बने. वर्ष 2004 में चौदहवीं लोकसभा के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोईली को हराने के बाद डी.वी. सदानंद गौड़ा मैंगलोर सीट से लोकसभा के लिए च्यनित हुए. 2009 में पार्टी द्वारा उन्हें उडुपी-चिकमंगलूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़वाया गया. संसद में अपने कार्यकाल के दौरान वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति के साथ पर्यावरण और वन समिति से भी जुड़े रहे. विवादों से घिर जाने के बाद जब कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदुयुरप्पा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा तब 4 अगस्त, 2011 को उन्हें मुख्यमंत्री पद का भार सौंपा गया. यह कर्नाटक के छब्बीसवें मुख्यमंत्री हैं.
डी.वी सदानंद गौड़ा अपने परिवार और दोस्तों के बेहद नजदीक हैं. वह अपना खाली समय अपने संबंधियों के साथ बिताना ही पसंद करते हैं. इसके अलावा उन्हें दक्षिण भारतीय संस्कृति से भी बेहद लगाव है. डी.वी. सदानंद गौड़ा कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले की मशहूर लोक-कला यक्षगान में भी भाग ले चुके हैं.
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