Jarbom Gamlin – अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जार्बम गामलिन
जार्बम गामलिन का जीवन परिचय

जार्बम गामलिन का व्यक्तित्व
पेशे से वकील जार्बम गामलिन एक अच्छे राजनेता भी हैं. अंतर्मुखी स्वभाव के जार्बम गामलिन का संबंध अरुणाचल प्रदेश की तानि जनजातीय समुदाय से है जो दोन्यि-पोलो (सूरज-चांद) नामक जीववादी धर्म का अनुसरण करती है.
जार्बम गामलिन का राजनैतिक जीवन
जार्बम गामलिन के राजनैतिक जीवन की शुरुआत अखिल अरुणाचल प्रदेश विद्यार्थी संघ के नेता के रूप में हुई. वर्ष 1981 से 1983 तक वह इस संघ के अध्यक्ष भी रहे. पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद वह वर्ष 1999-2004 तक चौदहवीं लोकसभा के सदस्य रहे. गामलिन ने यह चुनाव अरुणाचल प्रदेश राजनीति के एक नामी चेहरे गिगोंग अपांग के बेटे ओमक अपांग को हराकर जीता था. वर्ष 2004 में वह चौथी अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में लिरोंबा निर्वाचन क्षेत्र से चयनित होने के बाद गिगोंग अपांग की सरकार के अंतर्गत गृहमंत्री बनाए गए. लेकिन अपांग से मनमुटाव होने के बाद उन्हें कैबिनेट से बाहर निकाल दिया गया. वर्ष 2009 में वह दोबारा अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में चुने गए. इस बार उन्हें दोरजी खांडू, जो वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री बन गए थे, की सरकार में ऊर्जा मंत्रालय सौंपा गया. वर्ष 2011 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में हुए एक सैन्य विमान हादसे में दोरजी खांडू की मृत्यु के पश्चात जार्बम गामलिन को अरुणाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया.
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