Sharad Yadav – जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव
पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव का जन्म 7 जनवरी, 1947 को होशंगाबाद, मध्य-प्रदेश में हुआ था. शरद यादव ने रॉबर्टसन कॉलेज से कला स्नातक की उपाधि और जबलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बी.ई. (विद्युत) की डिग्री प्राप्त की. जबलपुर कॉलेज में विद्युत इंजीनियरिंग की पढ़ाई शरद यादव ने स्वर्ण पदक के साथ संपन्न की थी. इनके परिवार में पत्नी डॉ. रेखा यादव, एक बेटा और एक बेटी हैं.
शरद यादव का राजनैतिक सफर
1974 में हुए उपचुनावों में जीत दर्ज करने के बाद शरद यादव पांचवीं लोकसभा के सदस्य बने. 1977 में वह एक बार फिर लोकसभा पहुंचे. इसी वर्ष शरद यादव को युवा जनता दल का अध्यक्ष बनाया गया. 1979 में शरद यादव लोक दल के महासचिव और युवा लोकदल के अध्यक्ष बने. 1986 में वह राज्यसभा सदस्य बने. 1989 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद शरद यादव अपने तीसरे कार्यकाल के लिए लोकसभा पहुंचे. इसी वर्ष वे जनता दल के महासचिव और जनता दल के संसदीय बोर्ड के सभापति भी चयनित हुए. इसी वर्ष उन्हें केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री के तौर पर वस्त्र एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय सौंपा गया. 1991 में वह चौथी बार लोकसभा सदस्य बने और उन्हें लोक लेखा समिति का सदस्य बनाया गया. 1993 में शरद यादव ने जनता दल संसदीय समिति के नेता के रूप में स्थान ग्रहण किया. 1995 में उन्हें जनता दल का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया. 1996 में शरद यादव पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे और वित्त समिति के सभापति नियुक्त हुए. 1997 में शरद यादव को जनता दल का अध्यक्ष पद सौंपा गया. 1999 में छ्ठीं बार लोकसभा पहुंचने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और 2001 में केन्द्रीय श्रम मंत्रालय प्रदान किया गया. 2002 में शरद यादव को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय देकर केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया. 2004 में शरद यादव एक बार फिर राज्यसभा सदस्य चुने गए. 2009 के आम-चुनावों में शरद यादव मधेपुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य बने.
शरद यदव से जुड़े विवाद
शरद पवार और उनके साथियों पर हजारों करोड़ों के हवाला कांड से जुड़े होने के आरोप लगाए गए हैं. उन पर गलत तरीके से पार्टी को फंड दिलवाने जैसे आरोप भी लगते रहे हैं.
शरद यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं जिन्होंने मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू करवाने में एक बड़ी भूमिका निभाई थी. उन्हें किताबें पढ़ने और संगीत सुनने का भी गहरा शौक है.
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