शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015

Karm Ki Takat Motivational Stories In Hindi

कर्म की ताकत  

napolean



उस समय फ्रांस के महान विजेता नेपोलियन एक साधारण सैनिक थे। वह बेहद मेहनती और अपने काम के प्रति समर्पित थे। एक दिन राह में एक ज्योतिषी कुछ लोगों का हाथ देख रहे थे। नेपोलियन भी वहां ठहर गए और अपना हाथ ज्योतिषी के आगे कर दिया। ज्योतिषी काफी देर तक हाथ पढ़ता रहा और अचानक उनका चेहरा उदास हो गया।

उसके मनोभावों को नेपोलियन समझ गए और बोले, 'क्या हुआ महाराज? क्या मेरे हाथ में कोई अनहोनी बात लिखी है, जिससे आप चिंतित हो उठे हैं।' ज्योतिषी ने अपनी गर्दन उठाई और बोला, 'तुम्हारे हाथ में भाग्य रेखा ही नहीं है। मैं यही देखकर चिंतित था। जिसके हाथ में भाग्य रेखा ही न हो, उसका भाग्य प्रबल कैसे हो सकता है?' ज्योतिषी की बात सुनकर नेपोलियन दंग रह गए।

वह बहुत ही महत्वाकांक्षी थे। उन्हें ज्योतिषी की बात से बहुत आघात पहुंचा। वह ज्योतिषी से बोले, 'महाराज, मैं अपने कर्म से अपना भाग्य ही बदल दूंगा। जीवन हाथ की रेखाओं पर नहीं, कर्म की रेखा पर निर्भर करता है। हमारे सद्कर्मों की रेखा जितनी बड़ी होगी, सफलता भी उसी हिसाब से मिलेगी।' ज्योतिषी बोले, 'बेटा, काश तुम्हारी बात सच साबित हो।'

नेपोलियन को अपने अदम्य साहस और आत्मबल पर पूरा विश्वास था। इसलिए उन्होंने तय कर लिया कि जो सफलता उनके भाग्य में नहीं है, उसे वे कर्म के बल पर मेहनत से पाकर दिखाएंगे। और सचमुच अनेक बाधाओं का सामना करते हुए नेपोलियन एक साधारण सैनिक से सम्राट बने। उन्होंने अपने कर्म से भाग्य रेखा को कर्म रेखा में बदला और दुनिया को एक नई दिशा प्रदान करते हुए दिखा दिया कि कर्म की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।
संकलन : रेनू सैनी

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