प्राइम मिनिस्टर्स ऑफिस (पीएमओ) ने सभी मंत्रालयों से वित्तीय लेन देन की पुरानी प्रैक्टिस को खत्म करने का निर्देश देते हुए सेंट्रल फंड्स का बेहतर इस्तेमाल किए जाने की अपील की है। पहली बार मंत्रालयों से राज्य सरकार की योजनाओं को कम से कम समय में मंजूरी दिए जाने का निर्देश दिया है। पीएमओ ने मंत्रालयों को यह निर्देश अप्रैल महीने में जारी किया जबकि अमूमन इस तरह की प्रैक्टिस किसी फाइनेंशियल ईयर के पहले क्वॉर्टर में की जाती है।
एक सीनियर ऑफिसर ने बताया है कि नई सरकार के लिए यह पहला फुल फाइनेंशियल ईयर होगा। वह पूरे सिस्टम को बदलने की तैयारी कर रही है।
पीएमओ ने सभी सचिवों को पूरे साल के लिए फंड का इस्तेमाल किए जाने का आदेश दिया है। अभी तक फंड का डिस्ट्रीब्यूशन तिमाही आधार पर होता रहा है।' मंत्रालयों को फंड के इस्तेमाल की दिशा में वित्त मंत्रालय के बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया गया है।
हम प्लांस की समीक्षा पहले ही कर चुके हैं। राज्यों से बातचीत के बाद हम उसे मंजूरी भी दे देंगे। सभी मंत्रालय राज्यों से बातचीत कर चुके हैं या फिर उनकी बातचीत लगभग पूरी होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक:
वित्त मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों को योजनाओं की फंडिंग को मंजूर किए जाने का निर्देश दिया है और यह काम अप्रैल महीने में ही पूरा कर लिया जाना है। इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने अप्रैल अंत तक फंड रिलीज किए जाने का भी निर्देश दिया है।
सर्कुलर में यह बताया गया है कि अधिकांश मंत्रालय कुल फंड का करीब 50 पर्सेंट हिस्सा आखिरी क्वॉर्टर में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि नए निर्देशों के जरिये यह साफ करने की कोशिश की गई है कि आखिरी क्वॉर्टर में 33 पर्सेंट से अधिक फंड यूज नहीं किया जाना चाहिए और फिस्कल ईयर के अखिरी महीने में यह रकम 15 पर्सेंट से अधिक नहीं होनी चाहिए। सर्कुलर में यह भी कहा गया है मंत्रालय नियमों की सरासर अनदेखी करते हैं।
अगर इस प्रस्ताव को लागू कर दिया जाता है तो इससे योजनाओं की क्षमता में सुधार हो सकेगा और फंड की भी उपलब्धता पूरे साल बनी रहेगी।
स्रोत:ईटी एवं बैंकर्स अड्डा
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