शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

What Is Micro Units Development Refinance Agency In Hindi

मुद्रा बैंक


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में कार्यरत पांच करोड़ 70 लाख छोटे उद्यमों और कारोबार को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिये आगामी अप्रैल को मुद्रा बैंक का शुभारंभ करेंगे। 
वित्त मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार मोदी विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) का आरम्भ करेंगे। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट सत्र के दौरान अपने बजट भाषण में मुद्रा बैंक की स्थापना की घोषणा की थी। उन्होंने एक मुद्रा (सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी) बैंक खोलने का प्रस्ताव रखा थाजिसके पास20,000 करोड़ रुपए की राशि और 3,000 करोड़ रुपए की साख गारंटी राशि होगी।

उद्देश्य
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए मुद्रा बैंक सूक्ष्म-वित्त संस्थानों को पुनर्वित्त प्रदान करेगा। कर्ज देने में एससी/एसटी उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन उपायों से युवाशिक्षित अथवा कुशल कामगारों का विश्वास काफी हद तक बढ़ जाएगाजो अब प्रथम पीढ़ी के उद्यमी बनने के लिए प्रेरित होंगे। यही नहींमौजूदा छोटे कारोबारी भी अपनीगतिविधियों का विस्तार करने में सक्षम हो सकेंगे।

आवश्यकता  
 बताया जा रहा है कि इसके दायरे में अकेले छोटी- छोटी इकाइयों के तौर पर व्यवसाय कर रहे मैकेनिकनाईसब्जी-फल विक्रेता जैसे लोग आएंगे। सरकार की योजना ऐसे लोगों को अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में शामिल कर इनके कारोबार को बढ़ाने में मदद देने की है। राष्ट्रीय नमूना सर्वे के मुताबिक देश में ऐसे करीब 5.70 करोड़ उद्यमी है। इनमें 11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी लगी हुई है। इनसे 12 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। लेकिन इस क्षेत्र के उद्यमियों की पूंजी में कर्ज का हिस्सा केवल चार फीसद है। गत 22 वर्षों में बड़े उद्योगों में 50-60 लाख करोड़ रुपये की पूंजी लगी है। इनसे मात्र 22 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।
इस प्रकार से सरकार इन छोटे उद्यमियों की सहायता से न केवल इनके जीवन स्तर को बढ़ाना चाहती हैबल्कि देश में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करना चाहती है
मुद्रा बैंक यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी बुनियादी तौर पर छोटी इकाइयों को वित्त उपलब्ध कराने की नीति बनाएगी और छोटी इकाइयों को कर्ज देने के लिए फंड उपलब्ध कराएगी।

कैसे कार्य करेगा?
 वित्त सेवा सचिव हंसमुख अड़िया के मुताबिकमुद्रा बैंक इसके लिए दो प्रकार के सहयोगियों के साथ गठबंधन करेगा। एक जिन्हें मुद्रा बैंक रिफाइनेंस करेगा और दूसरे जो जरूरतमंद छोटे उद्यमियों को कर्ज देंगे। रिफाइनेंस के लिए क्षेत्रीय स्तर पर सहयोगी ढूंढे जाएंगे। निचले स्तर तक कर्ज वितरित करने के लिए माइक्रो संस्थाएं इसका हिस्सा बनेंगी। वित्तीय सेवा सचिव के रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित लघु बैंकएनबीएफसीलघु वित्तीय संस्थाएं (जिनकी संख्या 52 है) भी इसका हिस्सा हो सकते हैं। साथ ही प्राइमरी सहकारी संस्थाएंसेल्फ हेल्प समूह भी कर्ज वितरण के सहयोगी हो सकते हैं। लेकिन इनके लिए योजना बनाने का काम मुद्रा बैंक का होगा। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें