रविवार, 3 मई 2015

स्कूल फीस के लिए भी बैंक देंगे कर्ज, 4 लाख रुपए तक मिलेगी फाइनेंस सुविधा



नई दिल्ली। अब स्कूल फीस देने के लिए भी आपको कर्ज मिलेगा। देश के प्रमुख बैंक स्कूलों की बढ़ती भारी-भरकम फीस को देखते हुए नए बिजनेस का मौका दे रहे हैं। इसके मद्देनजर बैंकों ने प्राइमरी से लेकर 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए कर्ज देना शुरू कर दिया है। हालांकि इस तरह का कर्ज देने में बैंक माता-पिता की प्रोफाइल को खास तवज्जो देते हैं। बैंक स्कीम के तहत 30 हजार रुपए से लेकर 4 लाख रुपए तक का कर्ज दे रहे हैं, जिस पर 12-14 फीसदी तक ब्याज ले रहे हैं।

कौन ले सकता है कर्ज
कर्ज लेने वाले के लिए भारतीय नागरिक होना अहम शर्त है। साथ ही अभिभावक किसी पीएसयू या प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत होना चाहिए। इस कर्ज के लिए अहम शर्त यह है कि स्कूल आईसीएसई, सीबीएसई या किसी राज्य शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त होना चाहिए। बैंक में सैलरी एकाउंट होने से कर्ज लेना आसान हो जाता है।
किन कक्षाओं के लिए है योजना
विभिन्न बैंकों की इन योजनाओं के अंतर्गत एलकेजी से 12वीं कक्षा तक के लिए कर्ज दिया जाता है। सेंट्रल बैंक अपनी योजना में 8वीं से 10वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए कर्ज देता है। बैंक ऑफ बड़ौदा नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए कर्ज मुहैया कराता है।
कितना मिल सकता है कर्ज
इन योजनाओं के माध्यम से 30,000 रुपए से 4 लाख रुपए तक कर्ज मिल सकता है। हालांकि आम तौर पर बैंक 30,000 रुपये से 1 लाख रुपए के बीच कर्ज देते हैं। बैंक ऑफ बड़ोदा 4 लाख रुपए तक कर्ज की सुविधा देता है। इलाहाबाद बैंक अपनी योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये तक कर्ज देता है। जम्मू एंड कश्मीर बैंक ने कर्ज की सीमा सरकारी और निजी स्कूलों के लिए अलग-अलग तय कर रखी है।

ब्याज दर
इस कर्ज पर बैंक बेस रेट से 2-4 फीसदी ज्यादा ब्याज दर वसूलते हैं। सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बेस रेट फिलहाल 10 फीसदी के इर्दगिर्द चल रही हैं। इस प्रकार यह कर्ज आसानी से 12 से 14 फीसदी दर के बीच मिल जाएगा। हालांकि लड़कियों के लिए कुछ कम दर पर कर्ज मिल सकता है, क्योंकि कुछ बैंक लड़कियों की शिक्षा के लिए कम दर की पेशकश कर रही हैं। लड़कियों के लिए 0.5 से 1 फीसदी कम ब्याज पर कर्ज पा सकते हैं।
कर्ज की अवधि
आम तौर पर कर्ज की अवधि 6 महीने से एक साल के बीच होती है। हालांकि सेंट्रल बैंक अपनी योजना में कुछ शर्तों के साथ कर्ज चुकाने के लिए 20 महीनों तक का समय देता है। इलाहाबाद बैंक अपनी योजना में 36 महीनों तक कर्ज चुकाने की सुविधा देता है।
क्या है प्रक्रिया
इसके लिए बैंक में खाता होना अनिवार्य नहीं है, लेकिन मौजूदा खाताधारकों को तरजीह दी जाती है। यह कर्ज मुख्य रूप से ट्यूशन फीस के लिए दिया जाता है, लेकिन इसे अन्य खर्चों जैसे लैपटॉप या उपकरण खरीदने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इनकी जरूरत किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हो सकती है। ऐसी स्थिति में कर्ज की पूरी रकम चुकाने तक उपकरण सिक्योरिटी के तौर पर बैंक के नाम पर रहेंगे। कुछ बैंक किताबें खरीदने, ट्रांसपोर्टेशन आदि खर्च के लिए भी कर्ज देते हैं।
क्या रखना होता है गिरवी
इस कर्ज में कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता। हालांकि कुछ गिरवी रखने की स्थिति में चुनिंदा बैंक कम ब्याज की पेशकश करते हैं।
ये हैं बैंक और उनकी योजनाएं
1.इंडियन बैंक- आईबी बालविद्या स्कीम
2.सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया- सेंट स्कूल
3.इलाहाबाद बैंक- आलबैंक ज्ञान दीपिका योजना
4.बैंक ऑफ बड़ोदा- बड़ोदा विद्या
5.जम्मू ऐंड कश्मीर बैंक-बुदशाह प्राइमरी एजुकेशन फाइनैंस

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें