नई दिल्ली। बच्चों के भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए तमाम तरह की योजनाएं हैं। अब इसमें एक ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ शामिल हो गई है। यह योजना 10 साल तक की बेटियों के लिए है, जिस पर वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सरकार 9.2 फीसदी का ब्याज दे रही है। इसे इनकम टैक्स की धारा 80सी के अंतर्गत रखा गया है। इस खाते में जमा की गई रकम, मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होती है। इनकम टैक्स बचाने के लिए इस खाते में आप अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं इस योजना के फायदे....
ऐसे खुलता है सुकन्या समृद्धि अकाउंट
यह खाता 10 वर्ष तक की बच्चियों के नाम खुलवाया जा सकता है। आप यह खाता तभी खुलवा सकते हैं, जब आप बच्ची के प्राकृतिक या कानूनन अभिभावक हों। आप एक बेटी के नाम एक ही खाता खुलवा सकते हैं। कुल मिलाकर आप दो बेटियों के नाम यह खाता खुलवा सकते हैं, लेकिन अगर दूसरी बच्ची के जन्म के समय आपको जुड़वां बेटी होती है तो आप तीसरा खाता भी खुलवा सकते हैं। यही नियम तीन बच्चे एक साथ पैदा होने पर लागू होता है अगर तीनों बच्चियां हैं।
न्यूनतम और अधिकतम जमा की राशि
सुकन्या समृद्धि खाते में आप शुरू में 1,000 रुपए और उसके बाद 100 रुपए के गुणकों में पैसे जमा करवा सकते हैं। एक वित्त वर्ष में इस खाते में जमा की गई रकम 1.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। खाता खोलने की तारीख से 14 साल बाद तक आप पैसे जमा करवा सकते हैं। एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 1,000 रुपए जमा कर सकते हैं, अगर आप न्यूनतम राशि जमा नहीं करवाते हैं तो आपको 50 रुपए की पेनाल्टी देनी होगी।
खाते में कौन-कौन जमा करवा सकता है पैसे
इस खाते में बच्ची के अभिभावक, कोई अन्य व्यक्ति पैसे जमा करवा सकता है। इस खाते पर मिलने वाला ब्याज सालाना जुड़ता जाता है। मतलब, पहले साल मिला ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा और अगले साल ब्याज इस सम्मिलित राशि पर मिलेगा। जब तक बच्ची 10 साल की नहीं हो जाती तब तक उसके अभिभावक खाते को ऑपरेट करेंगे। उसके बाद वह खुद भी अकाउंट ऑपरेट कर सकती है। खाता खुलने पर एक पासबुक दिया जाएगा, जो बैंक या पोस्ट ऑफिस में पैसे जमा करवाते समय या ब्याज चढ़वाते समय पेश करना होगा। मैच्योरिटी के समय, खाता बंद करवाते समय भी पासबुक की जरूरत होगी।
कितना मिल रहा है ब्याज
सुकन्या समृद्धि खाते पर मिलने वाला ब्याज सरकार प्रत्येक वित्त वर्ष के लिए तय करेगी। साल 2015-16 के लिए इस पर मिलने वाला ब्याज 9.2 प्रतिशत है।
अकाउंट कब होगा मैच्योर
बच्ची के 18 साल के होने से पहले आप खाते से पैसे नहीं निकाल सकते। उसके 21 वर्ष के होने पर सुकन्या समृद्धि खाता मैच्योर हो जाएगा। बच्ची के 18 वर्ष के हो जाने पर आपको आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है। मतलब, बच्ची के 18 वर्ष के होने पर आप 50 फीसदी तक की राशि की निकासी कर सकते हैं।
अगर दुर्भाग्यवश, बच्ची की मृत्यु हो जाती है तो खाता तुरंत बंद हो जाएगा और खाते में पड़ी राशि अभिभावक को दे दी जाएगी। इस अकाउंट का ट्रांसफर भारत में कहीं भी करवाया जा सकता है।
खाता खुलवाने की प्रक्रिया
पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक की किसी अधिकृत शाखा में आप सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके लिए आपको बच्ची का बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य डॉक्युमेंट जैसे आपकी आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ देना होगा। पैसे आप चेक, कैश या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए जमा करवा सकते हैं।
इनकम टैक्स में मिलने वाला लाभ
सुकन्या समृद्धि अकाउंट धारा 80सी के दायरे में रखा गया है। इसलिए इस खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपए तक जमा करवा कर आयकर का लाभ उठाया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और चाइल्ड म्युचुअल फंड की तुलना
सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और चाइल्ड म्युचुअल फंडों की तुलना रिटर्न, लिक्विडिटी और टैक्सेशन के आधार पर कर यह जानते हैं कि कौन सी योजना आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
| तुलना का आधार | सुकन्या समृद्धि योजना | पीपीएफ | चाइल्ड म्युचुअल फंड |
| किसके नाम से खुल सकता है खाता | केवल बेटी के नाम | किसी के भी नाम | किसी के भी नाम |
| उम्र का मानदंड | 10 साल तक | किसी भी उम्र में | 18 साल तक |
| कहां खुलवा सकते हैं खाता | पोस्ट ऑफिस/सरकारी बैंक | पोस्ट ऑफिस/सरकारी बैंक/कुछ निजी बैंक | संबंधित म्युचुअल फंड कंपनी |
| साल में कितनी बार करवा सकते हैं पैसे जमा | असीमित बार | साल में 12 बार | असीमित बार |
| कितना मिलता है रिटर्न | वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 9.2 फीसदी | वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 8.7 फीसदी | बाजार से संबद्ध |
| न्यूनतम और अधिकतम निवेश की सीमा |
प्रत्येक बेटी के लिए
न्यूनतम-1,000 रुपए
अधिकतम- 1.5 लाख रुपए
|
न्यूनतम- 500 रुपए,
अधितम- 1.5 लाख रुपए
|
न्यूनतम- 500 रुपए
अधिकतम- कोई सीमा नहीं
|
| क्या आवर्ती जमा या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का विकल्प है | हां |
नहीं
| हां |
| किसी खास वर्ष पैसे जमा न करने पर लगेने वाली पेनाल्टी | 50 रुपए | 50 रुपए | कोई पेनाल्टी नहीं |
| पैसे जमा करने पर मिलने वाला कर लाभ | धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक | धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक | नहीं |
| अर्जित ब्याज पर लगने वाला कर | टैक्स फ्री | टैक्स फ्री | टैक्स फ्री (एक साल बाद) |
| आंशिक निकासी की सुविधा और कब निकाल सकते हैं पैसे | हां, बेटी के 18 साल के होने पर 50 फीसदी | छठे साल के बाद | कभी भी (तीन साल तक निकासी पर एग्जिट लोड लगेगा) |
| मैच्योरिटी की अवधि | खाता खुलने की तिथि से 21 साल की उम्र तक या शादी के समय | खाता खुलवाने के 15 साल बाद | कभी भी कर सकते हैं निकासी (तीन साल तक लगेगा एग्जिट लोड) |
| क्या मैच्योरिटी के बाद बढ़ाई जा सकती है निवेश की अवधि | अगर मैच्योरिटी पर खाता बंद नहीं करवाया गया तो उस पर ब्याज मिलना जारी रहेगा | पांच साल के लिए, असीमित बार | निकासी न करने के समय तक |
| लिक्विडिटी | बहुत कम | मध्यम दर्ज का | अधिक |
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