शनिवार, 13 जून 2015

Ways To Earn Money From Solar Panel In Hindi

घर में सोलर पैनल लगाकर हर महीने कमाएं पैसा, ये है आसान तरीका

solar pannel

नई दिल्‍ली. सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अपनी हिस्‍सेदारी बढ़ाने के लिए राज्‍यों ने कवायद तेज कर दी है। राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, पंजाब जैसे राज्‍य न सिर्फ मेगा सोलर पावर प्‍लांटों की स्‍थापना पर जोर दे रहे हैं। वहीं, घरों और व्‍यवासियक इमारतों पर छोटे सोलर प्‍लांटों के जरिए पैसा कमाने के मौके भी दे रहे हैं।
कैसे कमाएं पैसे
घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। इसके लिए आपको लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं।
सबसे पहले लोकल बिजली कंपनियों से आपको लाइसेंस लेना होगा।
बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट साइन करना होगा।
सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट टोटल इन्वेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगी।
राज्य सरकारें इसके लिए स्पेशल ऑफर भी दे रही हैं।
इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर से पैसा मिलेगा।
अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर बेच सकेंगे
राजस्‍थान, पंजाब, मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा दी जा रही है। इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा उत्‍पादित की गई अतिरिक्‍त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर राज्‍य सरकार को बेचा जा सकेगा। वहीं, उत्‍तर प्रदेश ने सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्‍साहन स्‍कीम शुरू की है। इसके तहत सोलर पैनल के इस्‍तेमाल पर बिजली बिल में छूट मिलेगी।
कहां से खरीदें सोलर पैनल
सोलर पैनल खरीदने के लिए आप राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए राज्यों के मेन शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं। इसके अलावा, हर शहर में प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको पहले ही अथॉरिटी से अपने लोन राशि के लिए संपर्क करना होगा। साथ ही सब्सिडी के लिए भी अथॉरिटी कार्यालय से फॉर्म मिल जाएगा।

सोलर एनर्जी उत्‍पादक राज्‍य
गुजरात860 मेगावॉट
राजस्‍थान667 मेगावॉट
महाराष्‍ट्र237 मेगावॉट
मध्‍य प्रदेश195 मेगावॉट
आंध्रप्रदेश93 मेगावॉट
तमिलनाडु32 मेगावॉट
कर्नाटक31 मेगावॉट
छतें बनेंगी पावर हाउस
बड़े सोलर प्‍लांटों के साथ घरों की छतों पर छोटे-छोटे सोलर प्‍लांटों को प्रोत्‍साहित करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने स्‍पेशल ऑफर पेश किए हैं। चंडीगढ़ सरकार ने घरों से सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट से बिजली ग्रिड को बेचने की स्‍कीम शुरू की है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर निर्धारित की गई है। घर से सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली की ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा 500 किलोवॉट तक ही की जा सकती है। 500 वॉट का सोलर पैनल लगाने वाले को बिजली की ट्रेडिंग करने की परमिशन नहीं दी जाएगी।

उत्‍तर प्रदेश में मिलेगा बिजली बिल पर डिस्‍काउंट
इस साल बिजली की दरों में बढ़ोत्‍तरी के बाद यूपी सरकार ने इंडस्‍ट्री को थोड़ी राहत दी है। सर्दी के सीजन में सोलर आधारित संयंत्र को बढ़ावा देने के लिए बिजली विभाग ने बिजली बिल पर डिस्‍काउंट देने की योजना शुरू की है। इसके तहत जो कस्‍टमर 1 किलोवॉट का सोलर पैनल उपयोग करता है तो उसे विभाग की ओर से प्रत्येक बिल पर 100 रुपए का डिस्काउंट दिया जाएगा।
सर्कल के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर एम.सी. शर्मा ने बताया कि पावर कॉरपोरेशन की ओर से यह स्कीम लॉन्च की गई है जिससे अधिक से अधिक लोग अपने घरों की छत पर इसे लगाएं और बिल में छूट पाए। इस तरह इससे जहां रिन्युअल एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा वहीं बिजली की बचत भी होगी।
राजस्‍थान सरकार करेगी पावर पर्चेज एग्रीमेंट
वहीं, राजस्थान ने भी सोलर पैनल लगा कर बनी सरप्लस सौर ऊर्जा सरकारी बिजली कंपनी को बेचने का अनुमति प्रदान की है। हालांकि इसके लिए जल्द ही दरें तय की जाएंगी। इस संबंध में पिछले दिनों नियामक आयोग में दायर याचिका पर नियामक आयोग ने विचार कर दरें तय कर दी हैं। सरकार यह बिजली साढ़े सात रुपये प्रति यूनिट में खरीदेगी। सरकार को बिजली बेचने के लिए संबंधित व्यक्ति को 31 मार्च 2015 तक सरकार के साथ पावर पर्चेज एग्रीमेंट करना होगा।

एमपी में मिलेगा बिजली बेचना का लाइसेंस
बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए विद्युत नियामक आयोग ने एनर्जी जनरेट करने के दूसरे विकल्पों पर काम शुरू किया है। बिजली बेचने के लिए राज्‍य सरकार घ्‍रेलू उत्‍पादकों को लाइसेंस देगी। बिजली बेचने के लिए लाइसेंस हासिल करना जरूरी होगा। जबलपुर समेत प्रदेश के चार बड़े शहरों में इस योजना को लागू किया है। इमारतों पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन होगा। संस्थान जरूरत की बिजली उपयोग करेगा और एक्स्ट्रा बिजली सेल कर दी जाएगी।
छत्‍तीसगढ़ में एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड लागू
देश में थर्मल पावर के प्रमुख केंद्र छत्‍तीसगढ़ ने भी ग्रीन एनर्जी की ओर गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं। राज्‍य सरकार ने इसके लिए एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड लागू किया है। इसमें 100 किलोवॉट से अधिक बिजली उपयोग करने वाली 5000 वर्ग फीट से बड़ी सभी व्‍यवसायिक इमारतों पर सोलर फोटोवोल्‍टिक संयंत्र स्‍थापित करना जरूरी कर दिया है। इसके साथ 1500 वर्ग फीट से बड़े आवासों के लिए भी सोलर गीजर का उपयोग अनिवार्य किया गया है। ही राज्‍य सरकार ने अतिरिक्‍त बिजली को राज्‍य सरकार की एजेंसियों को वापस बेचने के लिए भी नियम बनाए हैं।

बैंक से मिलेगा लोन
सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए यदि एकमुश्त 60 हजार रुपए नहीं है, तो आप किसी भी बैंक से लोन ले सकते हैं। बता दें कि वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को लोन देने को कहा है। यह लोन क्रेडा के जरिए आसानी से मिल सकेगा। अब तक बैंक सोलर प्लांट के लिए लोन नहीं देते थे।
25 साल होती है सोलर पैनलों की उम्र
छत्‍तीसगढ़ के अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण(क्रेडा) के सीईओ एसके शुक्‍ला के अनुसार सोलर पैनलों की उम्र 25 साल की होती है। यह बिजली आपको सौर ऊर्जा से मिलेगी। इसका पैनल भी आपकी छत पर लगेगा। क्रेडा ने केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश में सोलर पावर प्लांट लगाने का यह अभियान शुरु किया है। इसके तहत प्रत्येक प्लांट लगाने पर 40 फीसदी की सब्सिडी भी मिलेगी। यह प्लांट एक किलोवाट से पांच सौ किलोवाट क्षमता तक होंगे। यह बिजली न केवल निशुल्क होगी, बल्कि प्रदूषण मुक्त भी होगी।
10 साल में बदलनी होगी बैटरी
क्रेडा के सीईओ एसके शुक्ला ने बताया कि सोलर पैनल में मेटनेंस का खर्च नहीं आता, लेकिन हर 10 साल में एक बार बैटरी बदलनी होती है। खर्च करीब 20 हजार रु. होता है। इस सोलर पैनल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर मूव किया जा सकता है। एयर कंडीशनर भी चलेगा । एक किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल में आमतौर पर एक घर की जरूरत की पूरी बिजली मिल जाती है। अगर एक एयर कंडीशनर चलाना है तो दो किलोवाट और दो एयर कंडीशनर चलाना है तो तीन किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल की जरूरत होगी।


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