गुरुवार, 23 जुलाई 2015

Modi's visit to Central Asia

मोदी की मध्य एशिया यात्रा

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मोदी की उज्बेकिस्तान यात्रा  
-उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम कारीमोव के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6-7 जुलाई, 2015 के दौरान उज्बेकिस्तान की आधिकारिक यात्रा की।

-प्रधानमंत्री की उज्बेकिस्तान यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के मध्य सौहार्दपूर्ण और सहयोगी संबंधों का विस्तार एवं आपसी सहयोग को बढ़ाना था।

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम कारीमोव के मध्य ताशकंद में प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हुई।
-दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों, विशेष रूप से आतंकवाद से जुड़े मुद्दों, वर्ष 2014 के बाद अफगानिस्तान में स्थिति से संबंधित मुद्दों तथा सहयोग के उपायों एवं तरीकों पर और व्यापार एवं निवेश बढ़ाने से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की।
-वार्ता के पश्चात दोनों नेताओं ने कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में जारी सहयोग, राजनीतिक सहयोग आतंकवाद की खिलाफत में सहयोग, रक्षा सहयोग, साइबर सहयोग तथा व्यापार एवं आर्थिक संबंधों पर संतोष व्यक्त करते हुए 17 बिंदुओं वाला एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया।

इस यात्रा के दौरान दोनों के मध्य करारों पर हस्ताक्षर किए गए-
1. पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर दोनों देशों के बीच करार।
2. विदेश मामलों के मंत्रालय, उज्बेकिस्तान और विदेश मंत्रालय, भारत के बीच सहयोग पर प्रोटोकॉल।
3. वर्ष 2015-17 के लिए दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु करार।

कज़ाकिस्तान यात्रा 
-कजाखस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेब के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7-8 जुलाई, 2015 के दौरान कजाखस्तान की आधिकारिक यात्रा की।
-इसके साथ ही कजाखस्तान मध्य एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान 7 जुलाई, 2015 को अस्टाना, में ‘भारत-कजाखस्तान व्यापार बैठक’ को संबोधित किया।
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-इसके साथ ही उन्होंने कजाखस्तानी कंपनियों से भारत में निवेश बढ़ाने, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट शहरों, आवास और रेलवे के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की अपील की।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कजाखस्तान के प्रधानमंत्री करीम मेसिमोव ने कैस्पियन सागर के सत्पायेव ब्लॉक में ड्रिलिंग कार्य का शुभारंभ किया, जो ‘ओएनजीसी विदेश लिमिटेड’ के द्वारा किया जा रहा है।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जुलाई, 2015 को यूरेशियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में ‘सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में भारत-कजाखस्तान उत्कृष्टता केंद्र’ का उद्घाटन किया।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कजाखस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव के मध्य 8 जुलाई, 2015 को अस्ताना में प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हुई।
-वार्ता के पश्चात दोनों नेताओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शहरी विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, सांस्कृतिक तथा व्यापार एवं निवेश संबंधो पर चर्चा के पश्चात ‘तेज कदम’ शीर्षक वाला एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया।
-दोनों नेताओं ने शासन और विकास में तकनीकी उपयोग सहित अंतरिक्ष और सूचना तकनीकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

इस प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों के मध्य निम्नांकित 5 करारों/समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

  • सजायाफ्ता व्यक्तियों के हस्तांतरण पर करार।
  • रक्षा और सैन्य क्षेत्र में तकनीकी सहयोग हेतु दोनों देशों के मध्य समझौता।
  • भौतिक, सांस्कृतिक एवं खेल के क्षेत्र में सहयोग हेतु दोनों देशों के मध्य समझौता ज्ञापन।
  • रेलवे के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग बढ़ाने हेतु दोनों देशों के मध्य समझौता ज्ञापन।
  • प्राकृतिक यूरेनियम की बिक्री एवं खरीद हेतु परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार और कजाखस्तान की राष्ट्रीय परमाणु कंपनी काजएटमप्रोम (KazatonProm) के बीच दीर्घकालिक अनुबंध।
  • उल्लेखनीय है कि इस अनुबंध के तहत कजाखस्तान अगले 5 वर्षों में भारत को 5 हजार टन यूरेनियम की आपूर्ति करेगा। 


मोदी की तुर्कमेनिस्तान यात्रा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुर्कमेनिस्तान यात्रा के दौरान जिन सात महत्वपूर्ण समझौतों पर दस्तखत किए गए, उनका ब्यौरा इस प्रकार है:
1- भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और तुर्कमेनिस्तान की सरकारी कंपनी तुर्कमेनहिमिया के बीच सहमति पत्र।
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2- भारतीय गणराज्य के विदेश मंत्रालय के तहत विदेश सेवा संस्थान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्रालय के तहत अंतरराष्ट्रीय संबंध संस्थान के बीच सहमति पत्र।
3- भारतीय गणराज्य के खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय तथा तुर्कमेनिस्तान की खेल संबंधी सरकारी समिति के बीच खेल के क्षेत्र में समझौता।
4- भारत और तुर्कमेनिस्तान के बीच 2015-17 के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम।
5- भारत और तुर्कमेनिस्तान के बीच योग और पारंपरिक औषधियों के क्षेत्र में सहयोग का सहमति पत्र।
6- भारत और तुर्कमेनिस्तान के बीच पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग का सहमति पत्र।
7- भारत और तुर्कमेनिस्तान के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग का समझौता।


किर्गिस्तान यात्रा 

- रक्षा के क्षेत्र में सहयोग, प्रशिक्षण और अनुभवों तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए समझौता

- लोकतांत्रिक चुनावों के लिए विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान पर सहमति

- परस्पर व्यापार में बेहतरी के लिए प्रयासों पर सहमति
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- लोक कलाओं, नाटक, युवा महोत्सव, अनुवाद, खेल, इतिहास आदि के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता.

मोदी की ताजिकिस्तान यात्रा  
-मोदी ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ कई समझौते किए। इसके तहत दोनों देशों के नेताओं ने रक्षा सहयोग में भी कदम बढ़ाया है।
-ताजिकिस्तान में स्थिरता और सुरक्षा कायम करने के साथ ही संपर्क सुधार कर व्यापार और निवेश को बढ़ावा देंगे।
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-दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक और स्किल डेवलेपमेंट के क्षेत्र में भी दो समझौते किए। इन समझौतों के तहत भारत तजाकिस्तान के 37 स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित करेगा।
-भारतीय पनबिजली योजनाओं को लेकर वह नई संभावनाओं के लिए आशांवित दिखे। इसके अलावा दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संपर्क बढ़ाने पर सहमति जताते हुए दिल्ली-दुशांबे के बीच उड़ाने और बढ़ाने पर भी सहमति जताई।
-साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी रुचि दिखाई। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, खनन, फार्मासूटिकल्स, सूचना तकनीक, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
-वैज्ञानिकों और कृषि के क्षेत्र में भी आदान-प्रदान पर सहमति बनी।


Courtesy-http://hindi.bankersadda.com

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