जिस प्रकार मैले दर्पण में सूरज का प्रतिबिंब नहीं पड़ता उसी प्रकार मलिन अंत:करण में ईश्वर के प्रकाश का प्रतिबिंब नहीं पड़ सकता। - रामकृष्ण परमहंस
नाव जल में रहे लेकिन जल नाव में नहीं रहना
चाहिए, इसी प्रकार साधक जग में रहे लेकिन जग साधक के
मन में नहीं रहना चाहिए। -
रामकृष्ण परमहंस
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