सिर्फ 50 रुपए की छोटी रकम से वेबसाइट डिजाइनिंग और होस्टिंग बिजनेस का बिजनेस शुरू करने वाले अभिषेक रुंगटा आज 40 करोड़ रुपए की कंपनी के मालिक हैं। कोलकाता में रहने वाले इस शख्स ने अपनी लगन से यह मुकाम हासिल किया। जिंदगी के कठिन संघर्ष के बाद अभिषेक ने अपनी पहचान बनाई है। कॉमर्स से ग्रैजुएट अभिषेक ने पढ़ाई के साथ ही अपना बिजनेस शुरू किया था। आज उनकी कंपनी विदेशों तक कारोबार कर रही है।
पढ़ाई के दौरान शुरू किया बिजनेस
पढ़ाई के साथ-साथ ही अभिषेक ने खुद का ई-मेल सर्विस सेंटर खोला। इसमें उनके परिवार ने उन्हें पूरा सपोर्ट किया। बात 1997 की है, जब इंटरनेट एक नया कॉन्सेप्ट था। अभिषेक का काम ई-मेल सर्विस के जरिए बिजनेस और उसके कस्टमर के बीच कम्युनिकेशन का था।
पैसे लेकर भाग गया सर्विस प्रोवाइडर
बिजनेस शुरू करने के लिए रुंगटा ने अपने परिवार से 46,000 रुपए का लोन लिया था। इस रकम में से उन्होंने 30,000 रुपए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को दिए। बाकी पैसे से मॉडम खरीद लिया। उन्होंने एक कम्प्यूटर के साथ ही काम करना शुरू किया। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही सर्विस प्रोवाइडर उनका पैसा लेकर भाग गया।
पैसा डूबा पर नहीं मानी हार
शुरुआती परेशानियों के बाद भी अभिषेक ने हार नहीं मानी। उन्होंने दोबारा नए कॉन्सेप्ट पर काम करना शुरू किया, जिसमें ज्यादा इनवेस्टमेंट की जरूरत न हो। रुंगटा को किसी ने टेक एक्सपो में जाने की सलाह दी। टेक एक्सपो में जाने से वो बिजनेस से जुड़े लोगों के संपर्क में आ गए। उस समय एक्सपो में लोग आउटलेट खोलकर अपने बिजनेस को बढ़ावा दे रहे थे। यहीं से रूंगटा की दिलचस्पी नए बिजनेस की तरफ बढ़ गई।
50 रुपए में किया अपनी कंपनी का प्रचार
अभिषेक को वेबसाइट डिजाइनिंग के बारे में काफी जानकारी थी। इसलिए उन्होंने ऐसे ही एक एक्सपो में किराए पर स्टॉल लेने का फैसला लिया। एक स्टॉल को तीन दिन किराए पर लेने का खर्च 6000 रुपए था। लेकिन, तब रुंगटा के पास उतने पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वह इस स्टॉल में छोटा सा हिस्सा लेंगे। बाकी का एरिया किसी दूसरे व्यक्ति को दे देंगे, जो उसमें मॉडम बेचेगा। उन्होंने सबसे पहले वेबसाइट डिजाइनिंग की एडवर्टाइजिंग शुरू की। वह हैंडबिल्स पर अपना प्रचार खुद करने लगे। इसकी कॉस्ट उन्हें 50 रुपए पड़ी। बस यहीं से कंपनी का नाम तय हुआ और इस तरह शुरू हुई उनकी कंपनी इंडस नेट टेक्नोलॉजी।
तीन दिन में मिले दो प्रोजेक्ट
एक्सपो में रुंगटा के अलावा एक और कंपनी वेबसाइट डिजाइनिंग के लिए आई थी। लेकिन, कम दाम पर सर्विस देने के चलते उन्हें दो प्रोजेक्ट मिल गए। दोनों प्रोजेक्ट की कीमत 20,000 रुपए थी। दोनों क्लाइंट ने 50 फीसदी एडवांस भी दिया। इस दौरान उन्होंने वेब हॉस्टिंग सर्विसेज पर अपनी खोज शुरू की। इस सेक्टर में कई ऐसी कंपनियां हैं, जो सर्विस के लिए ज्यादा पैसे चार्ज कर रही थीं। ऐसे में अभिषेक ने उन्हें सस्ते में सर्विस प्रोवाइड कराने की कोशिश की।
इंटेलियन कंपनी के साथ किया करार
वेब हॉस्टिंग सर्विस के लिए अभिषेक ने इटेलियन कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया, जो भारतीय कंपनियों को वेब हॉस्टिंग सर्विस 20 फीसदी कम प्राइस पर देने को मान गई। अभिषेक ने उस कंपनी को इस बात पर भी राजी कर लिया कि वह तीन महीने के क्रेडिट पर भारत में सर्विस प्रोवाइड करने का मौका देगी। नतीजा ये हुआ कि नई सर्विस से अभिषेक का बिजनेस बढ़ गया। साल 1997-98 के अंत तक फर्म का टर्नओवर 1 लाख रुपए तक पहुंच गया था।
ऑफिस खोला और पढ़ाई करने गए अमेरिका
अभिषेक ने इसके बाद कोलकाता के डलहौजी स्क्वेयर में एक छोटी सी जगह में किराए पर ली, यहां उन्होंने अपना ऑफिस खोला। इसी साल वह कॉमर्स से ग्रेजुएट भी हो गए। ग्रैजुएशन के बाद अपना पूरा बिजनेस बहन को सौंपकर अभिषेक आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। यहां उन्होंने मल्टीमीडिया प्रोग्राम का एक साल का कोर्स किया।
सोशल मीडिया से बढ़ाया बिजनेस
साल 2000 में जब वह अमेरिका से वापस लौटे तो उन्हें एयरपोर्ट के बाहर काफी संख्या में डॉटकॉम कंपनियों के होर्डिंग्स लगे दिखाई दिए। अभिषेक के आने के बाद कई महीने तक कोई नया क्लाइंट नहीं आया। अभिषेक ने सोशल मीडिया साइट्स के जरिए अपने बिजनेस को बढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे साल 2000 के अंत तक फिर से उनके पास काम आना शुरू हो गया। साल 2002 तक कंपनी का टर्नओवर 15 लाख से ज्यादा का हो गया।
आज 40 करोड़ रुपए की है कंपनी
साल 2007 में कंपनी का कारोबार 6 करोड़ रुपए का हो गया। इसी साल अभिषेक ने डिजिटल मार्केटिंग डिवीजन शुरू की। अब अभिषेक की कंपनी डिजिटिल मार्केटिंग, वेब एप्लिकेशन सहित कई सेवाएं दे रही है। आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 40 करोड़ तक पहुंच गया। इस समय कंपनी के सर्विस स्पेक्ट्रम में 200 से ज्यादा क्लाइंट्स हैं और 500 लोग कंपनी के लिए काम कर रहे हैं। अगले वित्तीय वर्ष तक अभिषेक का लक्ष्य 60 करोड़ रुपए का टर्नओवर हासिल करने का है।
विदेशों में फैल चुका है कारोबार
इंडस नेट टेक्नोलॉजी का हेडक्वार्टर कोलकाता में है। लेकिन, कंपनी का विस्तार ग्लोबली हो चुका है। आज विदेशों में कंपनी के 5 ऑफिस हैं। दस हजार से ज्यादा क्लाइंट्स और 40 देशों में सर्विस दी जा रही है। कंपनी के पास सर्विस से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए 550 एक्सपर्ट भी हैं। कंपनी के साथ 600 से ज्यादा इम्प्लॉई काम कर रहे हैं।
ये रहे हैं कंपनी के अचीवमेंट्स
> साल 2008 में डन और ब्रैडस्ट्रीट ने इंडस नेट टेक्नोलॉजी को पहली #IT SME होने का खिताब दिया।
> 2010 नासकॉम ने इमरजिंग 50 कंपनी में उन्हें जगह दी।
> टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एशिया की पहली 500 कंपनी में डेलॉएट टेक्नोलॉजी ने उन्हें जगह दी।
> डेलॉएट ने ही उन्हें 2011 में भारत की 50 सबसे तेज ग्रोइंग कंपनियों में जगह दी।
मिल चुके हैं कई अवार्ड
> बंगाल कॉरपोरेट अवार्ड, 2013
> इंडिया एसएमई 100 अवार्ड, 2014
> फ्रेंचाइज इंडिया, स्मॉल बिजनेस ऑफ द ईयर अवार्ड, 2014
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