रविवार, 2 अगस्त 2015

ये हैं 'अनोखे' बिजनेस, ऐसे आइडिया से आप भी बन सकते हैं बिजनेसमैन




नई दिल्ली. आइिडया ज्यादातर लोगों के पास होते हैं, लेकिन उसे बिजनेस में बदलने की हिम्मत कम ही लोग करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने यूनीक आइडिया के दम पर अच्छा खासा बिजनेस खड़ा कर लेते हैं। मनी भास्कर आज आपको ऐसे ही अनोखे बिजनेस के बारे में बता रहा है, जो लीक से हटकर हैं। आप भी ऐसे बिजनेस को समझकर, खुद का कारोबार शुरू कर सकते हैं। खास बात ये है कि ऐसे बिजनेस को शुरू करने में ज्यादा फंड की जरूरत नहीं होती है।
'गेट माई पीओन'
यह वेबसाइट अपने नाम 'गेट माई पीओन' की तरह ही है। इस वेबसाइट को शुरू करने का सीधा मकसद था कि ऐसे छोटे काम, जिन्हें करने में आप परेशान होते हैं या आलस्य करते हैं वह कोई और कर देगा। यानी इस वेबसाइट के माध्यम से आपको ऐसा व्यक्ति मिल जाएगा जो आपके बिजली का बिल जमा कर देगा, सिलेंडर ले आएगा, सामान घर पहुंचा देगा। इसी तरह के सभी छोटे काम इस वेबसाइट की ओर से भेजा गया व्यक्ति पूरा कर देगा। इस वेबसाइट को 30 वर्षीय भरत अहिरवार ने शुरू किया है।
शुरुआत में थे महज 35-40 ऑर्डर
अहिरवार ने साल 2013 में मुंबई में अपनी कंपनी की शुरूआत की थी। शुरुआत के दिनों में उन्हें एक महीने हम केवल 35 से 40 ऑर्डर मिलते थे। लेकिन आज तीन साल बाद कंपनी एक दिन मे 200 से 250 ऑडर्स पूरा करती है। 'गेट माई पीओन' अब डेढ़ करोड़ रूपए के टर्नओवर वाली कंपनी बन चुकी है।

'सीक शेरपा'
'सीक शेरपा' की बिजनेस थीम भी यूनीक है। यह एक टूर गाइड वेबसाइट है। मान लें, आप किसी शहर में घूमने जा रहे हैं। तो आपके पास घूमने के दो विकल्प होते हैं। पहला आप गाइड करें और दूसरा आप अकेले घूमें। पहले ऑप्शन में आप ज्यादा पैसे खर्च कर सकते हैं, जबकि दूसरे में आपको कोई जानकारी नहीं मिलेगी। सीक शेरपा वेबसाइट आपकी इसी काम में मदद करती है। दरअसल, वेबसाइट ने शहरों में स्थानीय निवासियों को यह काम सौंपा हुआ है, जो शहर की पूरी जानकारी रखते हैं। इससे स्थानीय निवसियों को रोजगार मिलेगा और आप अच्छी तरह शहर घूम सकेंगे।
जल्द 15 शहरों में शुरू होगा काम
टूर गाइड की इस थीम पर साल 2014 में दिल्ली के ध्रुव राज आनंद ने 'सीक शेर-पा' नाम से मोबाइल ऐप बनाया था। कंपनी का मकसद है कि उसके टूर गाइड, पर्यटकों को ऐसे माइक्रो टूर करवाएं जो सामान्य टूर गाइड भी नहीं करवा सकते। 50 लाख के निवेश से शुरू हुई यह कंपनी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के बाद अब भारत के 15 और शहरों में अपना काम शुरू करने वाली है।

'मटरफ्लाई'
ये ऐप एक फूड शेयरिंग वेबसाइट है। इस ऐप के जरिए आप अपने आसपास के ऐसे लोगों के बारे में जान सकते हैं, जो आपके साथ खाना शेयर करने को तैयार हैं। इसके लिए कंपनी कोई चार्ज नहीं करती, लेकिन यूजर चार्ज कर सकता है। इस ऐप के इस्तेमाल से लोग पड़ोसियों के यहां खाने पर जा सकते हैं। हालांकि कई बार लोगों अच्छा, जबकि कई बार बुरा अनुभव हो सकता है। इस ऐप को एक लाख रुपए के निवेश से शुरू किया गया है।
नौकरी छोड़कर अक्षय ने शुरू किया यह ऐप
इस ऐप को 24 वर्षीय अक्षय भाटिया ने शुरू किया है। वह लंदन में 'मॉर्गन स्टैनली' नाम की कंपनी में काम किया करते थे। अक्षय ने लंदन में घर से बाहर रह रहे लोगों, खासकर अकेले युवाओं को अच्छे खाने के लिए तरसते देखा। इसके बाद उन्हें यह ऐप शुरू करने का विचार आया। इसके बाद वह नौकरी छोड़कर भारत आ गए और इस काम में जुट गए। मामला खान पान से जुड़ा होने के कारण फिलहाल वह सरकारी संस्थाओं से मंजूरी लेने में जुटे हैं।

स्क्रैप क्रो
Scrap Crow एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो किसी कबाड़ को बेहतर और पारदर्शी तरीके से डिस्पोज करता है। इसका लक्ष्य लोगों के दरवाजे से कबाड़ इकट्ठा करके उसे कम खर्च में डिस्पोज करना है। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की बदौलत कंपनी स्क्रैप कलेक्शन करके डिस्पोज करती है। इस टेक्नोलॉजी की मदद के कबाड़ को डिस्पोज करके धरती हरी-भरी रहेगी और लोगों को रहने लायक साफ-सुथरी जगह मिलेगी। इस आइडिया के साथ कंपनी शुरू करने पर पहले ही महीने टीम को पवई से 70 रिक्वेस्ट मिली थीं।
चार लोगों ने शुरू की कंपनी
Scrap Crow को चार युवाओं ने शुरू किया है। इनमें से एक को-फाउंडर्स रजत शर्मा हैं। टीम के हर साथी को दो साल का कॉर्पोरेट अनुभव है। देवेश वर्मा ट्रिंबल नेविगेशंस में काम कर चुके हैं और Terra Wizard Mapping Solutions के को-फाउंडर हैं। इहतिशाम खान आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में मैनेजर हैं और प्रणव कुमार सिस्को में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

Courtesy-

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