सोमवार, 26 मई 2014

फीमेल बॉस हैं तो ये बातें जरूरी हैं आपके लिए



भारत पूरी तरह से बदल रहा है ऑफिस की बात करें या फिर बिजनेस की, दोनों ही फील्ड में 
औरतों की बढ़ती तादाद दिखाती है कि हम ड़कियों और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिये कितने 
अवसर देने गे हैं। एक कंपनी द्वारा सर्वे करवाया गया और पूछा गया कि आप फीमेल बॉस को 
तरजीह देगें या फिर मेल बॉस को तो सर्वे का रिजल्ट आया कि उन्हें ऑफिस में फीमेल बॉस का 
होना ज्यादा पसंद है क्योंकि वह अपने काम को ज्यादा बेहतर ढंग से करती है। तो क्या आप भी 
एक फीमेल बॉस या टीम लीडर हैं, जिसके नीचे 10-12 कर्मचारी काम करते हैं अगर हां, तो हो सकता 
है कि आपने अपनी जिंदगी में यह शब्द जरुर सुने होंगे - ऐसी कई चीज़ें हैं जो तुमको सीखनी अभी 
बाकी हैं । अगर ऐसा है तो आपको नीचे दिये हुए कुछ मुख्य बिन्दुओं पर अपना ध्यान जरुर 
केन्द्रित करना चाहिये।
अपनर दायरा बनाकर रखें-
 आपका बिजनेस का काम अच्छी तरह से चले इसके लिये जरुरी है कि आप खुद दायरा जरूर 
नाकर चले। इससे आपको भविष्य में दिक्कत नहीं होगी।
निजी बातें न करें-
 जिस जगह पर आप काम करती हैं, वहां के लोगों से अपनी निजी बातों को न शेयर करें। यहां 
तक कि ऑफिस में भी कई लोग होते हैं जिन्हें न तो आपकी निजी बाते सुनने का मन करता है 
और न ही उन्हें अपनी निजी बातें किसी से कहना अच्छा गता है।
अपनी बात सीधी कहें-
 वे महिलाएं जो किसी टीम को या फिर किसी कंपनी को लीड कर रही हैं, उन्हें बातों को 
घुमा-फिरा कर नहीं बोना चाहिये। इससे दूसरों को केवल दुविधा होगी और काम भी ठीक से नहीं 
होगा।
स्पष्ट निर्देश दें-
 आपको जो भी काम करवाना हो, उसे अपने सहकर्मी को साफसाफ बता दें। अगर कोई कंफ्यूजन है 
तो उन्हें मेल लिख कर बात को और स्पष्ट कर दें। जिससे काम समय पर और तरीके से पूरा हो 
सके।
दूसरों के विचारों की इज्जत करें-
 अच्छी बॉस बनने का मतब है कि आप अपनी टीम से अच्छा काम ले। अगर आपके टीम वाले 
कुछ सुझव दें तो उसे सुने और उस पर विचार करें।
कठोर बनें पर अशिष्ट नहीं-
 अगर आपको अपनी टीम से काम लेना है तो कठोर बनना जरुरी है। कठोर बनें पर अशिष्ट न 
बनें क्योंकि इससे लोग आपसे बात करना पसंद नहीं करेंगे और पीठ पीछे बुराई करेंगे। इससे 
आपकी टीम ठीक से काम नहीं कर पाएंगी।
निजी समस्याओं को ऑफिस न ले जाएं-
 हर किसी की अपनी प्रोफेशनल लाइफ प्रॉब्म और पर्सनल लाइफ प्रॉबम होती हैं, लेकिन कोई 
भी उसे ऑफिस में लाना पसंद नहीं करता। इसलिये आप भी अपनी निजी जिंदगी की समस्याओं 
को ऑफिस में ला कर अपना मुंह टका कर न बैठें। इससे आपको लेकर आपके कर्मचारियों में 
गलत संदेश जाएगा और कभी आप अपने गुस्से का शिकार भी किसी को बना सकती हैं। इसलिए 
घर की बातें घर के लिए और ऑफिस करी ऑफिस के लिए रखें।
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Source – KalpatruExpress News Papper







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