Babulal Marandi – एक प्रतिबद्ध राजनीतिज्ञ बाबूलाल मरांडी
झारखंड विकास मोर्चा के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का जन्म 11 जनवरी, 1958 को झारखंड के गिरिडीह जिले में हुआ था. प्राथमिक पढ़ाई पूरी करने के पश्चात बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह कॉलेज में दाखिला लिया. इसी दौरान वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे. संघ परिवार में शामिल होने से पूर्व वह बतौर अध्यापक प्राथमिक स्कूल में पढ़ाते थे. बाबूलाल मरांडी विश्व हिंदू परिषद के आयोजन सचिव के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 1983 में दुमका चले जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने अपना शुरूआती जीवन आरएसएस मुख्यालय में व्यतीत किया. इनके परिवार में इनकी पत्नी शांति देवी और एक बेटा हैं. 2007 में हुए एक नक्सल हमले में बाबूलाल मरांडी के एक बेटे की मृत्यु हो गई थी.
बाबूलाल मरांडी का राजनैतिक सफर
1991 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ बाबूलाल मरांडी पहली बार सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने. लेकिन 1996 में वह शिबू सोरेन से चुनाव हार गए. इसी दौरान वह बीजेपी की झारखंड इकाई के अध्यक्ष भी बनाए गए. 1998 में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बीजेपी को 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल हुई. इस जीत के बाद पार्टी में बाबूलाल मरांडी का कद बहुत बढ़ गया. वह बिहार के चार मंत्रियों में से एक थे, जिन्हें केन्द्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया. वर्ष 2000 में जब बिहार को दो भागों में बांटा गया तब एनडीए सत्ता में आई और बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री पद प्रदान किया गया. लेकिन जल्द ही अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बना दिया गया जिसके कारण बाबूलाल मरांडी का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो गया. 2004 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर रांची से लोकसभा चुनाव जीता. 2006 में बाबूलाल मरांडी ने लोकसभा सीट और बीजेपी की सदस्यता दोनो त्याग झारखंड विकास मोर्चा की स्थापना की. अगले उप चुनावों में वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते. वर्ष 2009 में झारखंड विकास मोर्चा का कांग्रेस के साथ गठबंधन कर दिया गया.
राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए प्रदेश में बेहद महत्वपूर्ण सुधार हुआ. इन्होंने राज्य में सड़क निर्माण पर विशेष ध्यान दिया था.
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