शनिवार, 14 फ़रवरी 2015

Martyrs Day Hindi Article On Mahatma Gandhi

गाँधी जी और उनका ग्राम समाज का सपना !


मित्रों , आज ३० जनवरी है , आज ही के दिन सं १९४८ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी थी।  इस दिन को हम शहीद दिवस (Martyr’s Day) के रूप में मनाते हैं।
सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके करिश्माई व्यक्तित्व तथा उनके विचारों का, न केवल भारत पर वरन पूरे विश्व पर व्यापक प्रभाव पङा है। गाँधी जी आत्म प्रेरित सामाजिक सिद्धान्तकार थे। गाँधी

ग्रामीण रोजगार के लिए गाँधी जी का सुझाव था कि, गॉव में कुटीर उद्योगों का विकास किया जाए, गॉव के लोगों को रोजगार की तलाश में शहर न भागना पङे। गाँधी जी के विचार बिलकुल सटीक हैं। हालांकी कुछ लोग उनके विचार से सहमत नही हैं फिर भी हमारे देश की जनता और आज की राजनीति को उनके विचारों की दरकार है।
जी ग्राम समाज के प्रबल पक्षधर थे। वे चाहते थे कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो और गॉव के लोग स्वयं अपना प्रशासन संभाले। इससे ग्रामीण समाज में जागृति आएगी और वह आत्मनिर्भर हो सकेगा।
अमेरिका के अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पहले अध्यक्षीय भाषण में कहा था कि, न सिर्फ अमरीका को वरन पुरी दुनिया को गाँधी के पद चिन्हो पर चलने की जरुरत है। गाँधी जी पूंजीवादी व्यवस्था उत्पादन, वितरण, लाभ, संचय और एकाधिकार के विरोधी थे।
यंत्रों को गाँधी जी ने एक रोग की भाँति बताया क्योंकि यंत्र मानविय मुल्यों को कम कर देते हैं। उन्होने गॉवों के विकास के लिए लघु एवं कुटीर उद्योग पर बल दिया था। बारडोली सत्याग्रह हो या चंपारन सत्याग्रह हर जगह गाँधी जी किसानों के मसीहा के रूप में किसानों के साथ खङे दिखते थे। वर्तमान राजनीति में सांसदों द्वारा गॉव गोद लेना गाँधी जी के ग्राम समाज सपने को साकार करने की और एक बड़ा कदम साबित हो सकता है !
मित्रों, गाँधी दर्शन आज भी विश्व सामाजिक परिदृश्य के लिए एक महान दिशा निर्देश हैं। आइये आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें याद करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयत्न करें।
जय भारत 

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