किसान विकास पत्र योजना और लाभ
क्या है केवीपी
किसान विकास पत्र केंद्र सरकार की एक योजना है। यह निवेश का दीर्घकालिक जरिया है। जिसका लाभ
डाकघर से लिया जा सकता है। इसमें निवेश किया जाता है। इसमें न्यूनतम निवेश 100 रुपए तक किया जा सकता है।
इसकी परिपक्व समय अवधि आठ साल की होती है। इन आठ साल में डाकघर आपके निवेश पर 8.40 फीसदी का ब्याज लगाकर देता है। किसान विकास पत्र के तहत आपको अपना जम धन किसी अपने करीबी को ट्रांसफर करने की सुविधा होती है।
योजना पर वित्त मंत्री ने क्या कहा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अवसर पर कहा अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण पिछले दो-तीन साल में देश की बचत दर 36.8 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर से घटकर 30 प्रतिशत से नीचे आ गई है। इसलिए लोगों को और बचत के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसान विकास पत्र से दो उद्देश्य पूरे होंगे। एक तो इससे भोले-भाले गरीब निवेशकों को अपनी बचतों को पोंजी योजनाओं के बजाय विश्वसनीय सरकारी योजना में लगाने में मदद मिलेगी। पोंजी योजनाओं में उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई गायब हो जाया करती है।
पहले क्यों बंद की गई और अब फिर से क्यों शुरू की गई
गत वर्षों से यह स्कीम काफी प्रसिद्ध हुई थी लेकिन इसमें एक खामी सामने आई थी कि किसान विकास पत्र स्कीम में अपना पैसा जमा करते वक्त आय का श्रोत नहीं बताना होता है। और इसे किसी को भी गिफ्ट किया जा सकता है। जिसके कारण काले धन को बढ़ावा मिलने की आशंका थी। इसलिए इसे बंद कर दिया गया था।
फिर क्यों शुरू की गई यह योजना-केंद्र में यूपीए सरकार ने भारतीय डाक में निवेश के बेहतरीन माध्यम किसान विकास पत्र (केवीपी) को बंद कर दिया था, लेकिन छोटे निवेश को बढ़ावा देने के लिये नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। यह स्कीम छोटी बचत यानी कम आय वाले परिवारों की बचत को बढ़ावा देने के लिए इस स्कीम को शुरू किया गया था।
इस योजना से होने वाला लाभ :
- आठ साल चार महीने में रक़म दोगुनी
- निवेश की कोई सीमा नहीं
- कम से कम 1000 रुपये का किसान विकास पत्र
- किसान विकास पत्र 1000, 5000, 10,000 और 50,000 रुपये के मूल्य में उपलब्ध
- 100 महीने (आठ साल चार महीने) में दोगुना हो जाएगा
- योजना के तहत सालाना 8.7 प्रतिशत का ब्याज
- दूसरों को स्थानांतरण की भी सुविधा
- इसके बाद 6-6 महीने में भुनाया जा सकता है
- अभी सुविधा पोस्ट ऑफ़िस में, बाद में बैंक में भी उपलब्ध
- शुरूआत में ये प्रमाणपत्र डाक घरों के जरिए बेचे जाएंगे लेकिन इसे जल्दी ही निवेशकों के लिए राष्ट्रीयकत बैंकों की नामित शाखाओं के जरिए निवेश के लिए उपलब्ध कराया जाएगा
इसका में यह हानि भी है।
किसान विकास पत्र के तहत जमा किए गए आपके जमाधन पर जितना ब्याज लगता है उस ब्याज पर सरकार टैक्स वसूल करती है। किसान विकास पत्र में निवेश की कोई उच्चतम सीमा नहीं है और इसे 30 महीने की तय समयसीमा के बाद भुनाया जा सकता है। हालांकि बचतकर्ताओं को अपने निवेश पर कोई कर रियायत नहीं मिलेगी।
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