क्या होता है PRAN
परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) नैशनल पेंशन स्कीम सब्सक्राइबर को अलॉट किया जाने वाला एक यूनिक नंबर होता है। जो अकाउंट पोर्टेबल है और उसे व्यक्तिगत खाते में शिफ्ट किया जा सकता है। अर्थात सरकारी कर्मचारी अपना सरकारी एनपीएस खाते को प्राइवेट सेक्टर में शिफ्ट कर सकते हैं।
पहला चरण
इसके लिए फॉर्म ISS-I भरना होता है। इसको https:npscra.nsdl.co.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है या सर्विस प्रवाइडर के मौजूदा पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP-SP) से लिया जा सकता है।
सूचना: फॉर्म में नाम और पता, PRAN डिटेल, मौजूदा और नए POPSP का डिटेल देना होता है।
दूसरा चरण
सब्सक्राइबर्स को पेंशन फंड मैनेजर चुनना होता है। उनको इन्वेस्टमेंट ऑप्शन-ऐक्टिव या ऑटोच्वाइस-और एसेट ऐलोकेशन के बारे में बताना होता है।
तीसरा चरण
सेंट्रल/स्टेट गवर्नमेंट में शिफ्ट हो रहे सब्सक्राइबर्स को अपनी सेलरी और डिपार्टमेंट सहित रोजगार संबंधी दूसरे डिटेल देने होते हैं। इन डिटेल्स को एंप्लॉयर से अटेस्ट कराना होता है। साथ में कैंसल्ड चेक के साथ बैंक डिटेल भी देना होता है।
चौथा व अंतिम चरण
सब्सक्राइबर को रोजगार, बैंक और पैन जैसे डिटेल देने होते हैं। उनको पेंशन फंड मैनेजर और इन्वेस्टमेंट ऑप्शन भी चुनना होता है। और फिर जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ फॉर्म को संबंधितPOP-SP के पास भेजना होता है। इसके लिए सब्सक्राइबर को स्टांप लगी रसीद दी जाती है। डिटेल का वेरिफिकेशन होने के बाद चेंज के बारे में सब्सक्राइबर को बता दिया जाता है।
क्या है आवश्यक
PRAN ऐक्टिव होना चाहिए। PRAN, एंप्लॉयर से संबंधित और सैलरी जानकारी सही-सही भरी जानी चाहिए क्योंकि इनको NPS में दर्ज किया जाता है।
इसके लिए फॉर्म ISS-I भरना होता है। इसको https:npscra.nsdl.co.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है या सर्विस प्रवाइडर के मौजूदा पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP-SP) से लिया जा सकता है।
सूचना: फॉर्म में नाम और पता, PRAN डिटेल, मौजूदा और नए POPSP का डिटेल देना होता है।
दूसरा चरण
सब्सक्राइबर्स को पेंशन फंड मैनेजर चुनना होता है। उनको इन्वेस्टमेंट ऑप्शन-ऐक्टिव या ऑटोच्वाइस-और एसेट ऐलोकेशन के बारे में बताना होता है।
तीसरा चरण
सेंट्रल/स्टेट गवर्नमेंट में शिफ्ट हो रहे सब्सक्राइबर्स को अपनी सेलरी और डिपार्टमेंट सहित रोजगार संबंधी दूसरे डिटेल देने होते हैं। इन डिटेल्स को एंप्लॉयर से अटेस्ट कराना होता है। साथ में कैंसल्ड चेक के साथ बैंक डिटेल भी देना होता है।
चौथा व अंतिम चरण
सब्सक्राइबर को रोजगार, बैंक और पैन जैसे डिटेल देने होते हैं। उनको पेंशन फंड मैनेजर और इन्वेस्टमेंट ऑप्शन भी चुनना होता है। और फिर जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ फॉर्म को संबंधितPOP-SP के पास भेजना होता है। इसके लिए सब्सक्राइबर को स्टांप लगी रसीद दी जाती है। डिटेल का वेरिफिकेशन होने के बाद चेंज के बारे में सब्सक्राइबर को बता दिया जाता है।
क्या है आवश्यक
PRAN ऐक्टिव होना चाहिए। PRAN, एंप्लॉयर से संबंधित और सैलरी जानकारी सही-सही भरी जानी चाहिए क्योंकि इनको NPS में दर्ज किया जाता है।
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