सरकारी प्रतिभूतियां (Government Bonds)
प्रिय पाठकगण,
आज की यह पोस्ट सरकारी प्रतिभूतियां यानी "गवर्नमेंट बांड्स" पर आधारित है| इस विषय में की गई मांग को देखते हुए हम इस पर यह लघु लेख प्रस्तुत कर रहे हैं जो आपके लिए लाभकर सिद्ध होगा|
सरकारी प्रतिभूतियां (Government Bonds) क्या होते है
जिस तरह व्यापारियों को व्यापार चलाने के लिए पूँजी की आवश्यकता होती हैं उसी प्रकार सरकारों को भी काम-काज चलाने के लिए पूँजी की जरुरत होती है। वैसे तो यह पूँजी सरकार टैक्स लगाकर इकट्ठा करती है, लेकिन कभी कभी किसी प्रोजेक्ट विशेष के लिए सरकार बॉन्ड भी जारी करती है। इसी तरह विभिन्न पूँजीगत संस्थाएं (Financial Institutions) भी बॉंड जारी करती है। सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज थोड़ा कम मिलता है लेकिन इसमे पूँजी की गारंटी सरकार देती है, इसलिए यह एक सेफ इंवेस्टमेंट की तरह माना जाता है।
सरकारी प्रतिभूतियों के प्रकार
डेटेड गवर्नमेंट सिक्योरिटीज या दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों-यह महीनो के लिए जारी की जाती है इस में सरकार आप को 100रुपये में सरकारी प्रतिभूतिया बेचेगी तो वह आप को को उस पर ब्याज देगी ( ब्याज निश्चित या फ्लोटिंग ) हो सकता है।
जीरो कूपन बांड-अब मान ले सरकार ने जो सरकारी प्रतिभूतिया लाई है उस की कीमत 100रुपये है तो वह आप को 80रुपये में देगी और जब वह सरकारी प्रतिभूतिया आप से वापस खरीदेगी तो वह आप से 100रुपये में खरीदेगी यही 20रुपए होगा आप का मुनाफा
ट्रेजरी बिल्स
टी-बिल्स भारत सरकार की ओर से आरबीआई द्वारा जारी अल्पकालीन प्रतिभूतियां हैं जो 91,182 और 364 दिन पर मैच्योर होती हैं.
इसमें वाणिज्यिक बैंक, प्राइमरी डीलर, म्यूचुअल फंड, कॉर्पोरेट्स, संस्थान, प्रोविडेंट और पेंशन फंड और बीमा कंपनियां भाग ले सकती हैं.
समय-समय पर इनकी नीलामी होती है और इनकी ट्रेडिंग सेकेंडरी मार्केट में होती है जो काफी सक्रिय है.
टी-बिल्स फेस-वैल्यू पर छूट के साथ जारी किए जाते हैं और मैच्योरिटी पर सममूल्य पर रिडीम होते हैं.
कूपन, बीयरिंग बांड,टेजरी बिल,आदिइन विषयों पर सूचनाओं का कार्यक्रम निरंतर ऐसे ही चलता रहेगा :)
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