रविवार, 3 मई 2015

ऐसे हुई है अंबानी के बच्चों की परवरिश, पॉकेटमनी में मिलते थे सिर्फ 5 रु.



ambani family

फोटोः पिता मुकेश और मां नीता अंबानी के साथ अनंत अंबानी
भारत के सफल उद्योगपति मुकेश अंबानी इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल, उन्होंने हाल ही में सन फार्मा के दिलीप संघवी को देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में पीछे छोड़ दिया और एक बार फिर देश के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में मुकेश पत्नी नीता अंबानी के लिए एक सबसे योग्य पति, अपने बच्चों के लिए एक परिपूर्ण पिता हैं। मुकेश और नीता अपने तीनों बच्चों की शिक्षा और संस्कार में उस हर बात का ख्याल रखा, जो उन्हें योग्य बनाने के साथ ही अच्छा इंसान भी बनाए। उनकी पत्नी नीता अंबानी ने भी अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उन्हें अच्छी शिक्षा दी। नीता अंबानी ने ये बात एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कबूली। उन्होंने अनंत के साथ हुए किस्से को भी इंटरव्यू में बताया था।
बच्चों को नहीं देते थे ज्यादा जेब खर्च
नीता अंबानी अपने बच्चों आकाश, अनंत और बेटी ईशा को जब स्कूल भेजती थीं तो उन्हें जेब खर्च के लिए इतने कम पैसे देती थीं कि क्लासमेट उनका खूब मजाक उड़ाते थे। एक दिन मुकेश के छोटे बेटे अनंत के हाथ में पॉकेट खर्च के लिए कम पैसे देखकर उसका एक क्लासमेट बोला, ‘तू अंबानी है या भिखारी...।’ अनंत ने जब घर आकर अपनी मां नीता और पिता मुकेश को यह बताया तो उसे समझाने के लिए उनके पास भी कोई तर्क नहीं था।
ऐसी भी होती है परवरिश
दुनिया के दिग्गज रईसों की सूची में शुमार मुकेश अंबानी अपने बच्चों को स्कूल महंगी कारों से नहीं, बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पढ़ने के लिए भेजते थे। धनी व्यक्ति के बच्चों की ऐसी परवरिश भी होती है, जिसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

परवरिश का ख्याल रखती हैं नीता
देश के सबसे धनी उद्योगपति की पत्नी होने के बावजूद नीता अंबानी हमेशा इस बात का ख्याल रखती हैं कि बच्चे डाउन-टू-अर्थ रहें। नीता स्वयं मुंबई की एक मिडल क्लास फैमिली में पली-बढ़ी हैं। उनका पालन-पोषण एक अनुशासित परिवार में हुआ। उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत भी बहुत कम मिलती थी। स्कूल-कॉलेज जाने के लिए वे बेस्ट की बसों का सहारा लेती थीं।

टीचर बनना चाहती थीं
नीता अंबानी शुरू से ही टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन जब मुकेश अंबानी से शादी हो गई तो वह अपने बच्चों का होमवर्क स्वयं करवाती थीं। वे हमेशा इसी कोशिश में रहती हैं कि उनके बच्चों में ऐसे संस्कार हों कि वे हमेशा दौलत के नशे से दूर रहें।
महंगी कार नहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाते थे बच्चे स्कूल
नीता अंबानी अपने बच्चों आकाश, अनंत और ईशा को महंगी लग्जरी कारों के बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भेजती थीं, ताकि बच्चे इस दौरान होने वाली कठिनाइयों और परेशानी के साथ ही एक आम आदमी की जिंदगी को नजदीक से समझ सकें।

पॉकेट खर्च सिर्फ 5 रुपए

मुकेश और नीता ने अपने बच्चों के पालन-पोषण करने के दौरान उन्हें यह सिखाया है कि वे लोगों का सम्मान कर सकें। नैतिक मूल्यों और पैसे का सम्मान कर सकें। नीता अपने बच्चों को स्कूल जाने के दौरान उन्हें पॉकेट खर्च के लिए सिर्फ 5-5 रुपए देती थीं।
अनंत ने मांग लिए थे 10 रुपए
एक दिन उनके तीनों बच्चे स्कूल जाने वाले थे तो छोटा बेटा अंनत दौड़ते हुए बेडरूम में मां के पास पहुंचा और उसने 10 रुपए और मांगे। नीता ने बताया कि जब उन्होंने उससे पूछा कि तुम्हें अधिक रुपए क्यों चाहिए तो वह बोला, मेरे साथी पॉकेट खर्च के लिए पांच रुपए मेरे हाथ में देखकर मेरा मजाक उड़ाते हैं। हालांकि, इसके बाद भी नीता और मुकेश ने उसे अधिक पैसे नहीं दिए, बल्कि उसे समझाया।


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