शनिवार, 25 जुलाई 2015

Janani Suraksha Yojana In hindi

परिचय: जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करना है। आप इस योजना के लाभोंलाभार्थी के प्रकार एवं पात्रता मानदंडों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। योजना का लाभ उठाने संबंधी प्रक्रिया की जानकारी दी गई है। आवेदन करने के लिए प्राधिकरण एवं आवश्यक प्रलेखों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
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क्या है जननी सुरक्षा योजना
जननी सुरक्षा योजना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित योजना है जिसका प्रारंभ 2001 में किया गया  है। इसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को संस्थागत प्रसूति कराने के लिए एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रसव अस्पताल में अथवा प्रशिक्षित दाई द्वारा किया जाना चाहिए। घरों में डिलिवरी के आकंड़े को कम किया जा सकेइसके लिए गांव के लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
शत प्रतिशत केंद्र प्रायोजित इस योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संस्थागत सुविधा प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी के पास एमसीएच कार्ड के साथ-साथ जननी सुरक्षा योजना कार्ड भी होना जरूरी है। आशा अथवा कोई अन्य सुनिश्चित संपर्क कार्यकर्ता द्वारा ए.एन.एम. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में अनिवार्य रूप से प्रसव की व्यवस्था करना आवश्यक है। इससे गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य जाँच और प्रसव के बाद देखभाल और निगरानी करने में सहायता मिलती है।

योजना की वर्तमान स्थिति
जननी सुरक्षा के नाम पर प्रदेश सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है। इस योजना के तहत प्रेग्नेंट महिलाओं को हॉस्पिटल में डिलिवरी कराने पर प्रोत्साहन राशिप्रसव के बाद घर ड्रॉप करने की फैसिलिटी समेत कई अन्य सुविधाएं दी जाती है। इसके बावजूद भी जिले में जननी सुरक्षा योजना का लाभ केवल 31पर्सेंट महिलाओं की हो मिल पा रहा है। दरअसल जिले में हर महीने होने वाली डिलिवरी में से केवल 31पर्सेंट महिलाएं ही सरकारी हॉस्पिटल में डिलिवरी के लिए आ रही हैं।
जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी हॉस्पिटल में डिलिवरी कराने वाली महिलाओं को 1400 रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ ही एडमिट प्रसूता के खाने पीने पर हर दिन 100 रुपये खर्च किए जाते हैं। हॉस्पिटल में दवाइयों से लेकर सभी तहर की फैसिलिटी फ्री दी जाती है।
पिछले एक महीने के सरकारी आकंड़ों के हिसाब से जिले में 1778 प्रेग्नेंट महिलाओं की डिलिवरी हुई है। जिसमें से सिर्फ 557 डिलिवरी ही सरकारी हॉस्पिटल में हुईजबकि 1221 डिलिवरी प्राइवेट हॉस्पिटल में और 246 की घर में हुई। इस हिसाब से केवल 31 पर्सेंट डिलिवरी ही सरकारी हॉस्पिटल में ही हुई है।

योजना के तहत ऑनलाइन मिलेगी राशि
जिले में जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली सभी प्रकार की प्रोत्साहन राशि अब ऑन लाइन मिलेगी। जिले में 1 अगस्त से प्रथम चरण में जिला अस्पतालदो सब डिवीजन अस्पताल 14 सीएचसी में डायरेक्ट बेनीफिट योजना लागू होगी।
योजना के द्वितीय चरण में जिले के अन्य चिकित्सा संस्थानों में इस योजना को लागू किया जाएगा। डायरेक्ट बेनीफिट योजना लागू होने के बाद जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिला को दी जाने वाली सभी प्रकार की प्रोत्साहन राशि का परिलाभ बैंक खाते के जरिए प्राप्त होगा। वर्तमान में जननी सुरक्षा योजना में गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसवबालिका जन्म आदि पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान लाभार्थी को संबंधित चिकित्सा संस्थान चेक के जरिए कर रहे हैं। इसमें कई संस्थान की मेडीकेयर रिलीफ सोसाइटी में पर्याप्त बजट उपलब्ध होने पर चेक के लिए प्रसूता के परिजनों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते है।
लाभार्थी को आन लाइन जननी सुरक्षा योजना पेमेंट एंड मानीटरिंग सिस्टम (ओजेपीएमएस) के जरिए आन लाइन ही प्रसव के बाद सीधे ही राज्य स्तर से उसके बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।

योजना की सफलता के लिए इन चुनौतियों से पार पाना होगा
योजनाके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी रहेगी। इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी रूप से काम करना होगा। माना जा रहा है कि कुछ गर्भवती महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं होउस स्थिती में महिला जिस क्षेत्र की है वहां के चिकित्सा संस्थान प्रभारी उस गर्भवती को पास की बैंक शाखा में जीरो बैंलेस पर खाता खुलवाने में मदद करेगें। उस महिला से संबंधित सभी जानकारियां पीसीटीएस सॉफ्टवेयर  इद्रांज करवाने की सारी जिम्मेवारी उस क्षेत्र की आशा सहयोगिनी की होगी। ये जानकारियां इद्रांज ना होने पर आशा सहयोगिनी को प्रसव पूर्व जांच संस्थागत प्रसव के लिए देय प्रेरक राशि का भुगतान नही किया जाएगा।

 जब उक्त महिला प्रसव के लिए चिकित्सा संस्थान पर जांएगीतो प्रसव के बाद जननी सुरक्षा प्रपत्र में अपनी सूचनाएं भरकर उसी समय वहां देगी। उस पीसीटीएस आईडी के आधार पर साफ्टवेयर में उसके संस्थागत प्रसव की सूचनाएं इद्रांज करने पर राज्य स्तर पर निदेशक/ पीडी आरएसीएच पेमेंट गेटवेय द्वारा सीधे ही प्रोत्साहन राशि लाभार्थी के खाते में तत्काल जमा कर देगें। इसकी जानकारी एसएमस या वॉइस कॉल के जरिए लाभार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर जाएगी। 

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