शुक्रवार, 7 मार्च 2014

ज़माने से जूझती स्त्री





घनश्याम बादल आज रोज ही बलात्कार ऑनर किलिंग या आत्महत्याओं की दर महिलाओं के संदर्भ 
में दिल दहलाने को काफी है । नैना साहनी हत्याकांड, भंवरी देवी रेप केस ,जेसिका लाल मर्डर केस
शक्ति मिल गैंग रेप तो सामने आ गए पर हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में दूर-दराज कितनी 
बच्चियां, किशोरियां , विवाहिताएं, प्रेम के नाम पर फांसी गईं । जिस ज्यादती से वे यौनशोषण का 
शिकार बनती है यदि यह आंकड़ा सामने आ जाए तो लगेगा कि जैसे देश को यौनाचार के अलावा 
दूसरा काम ही नहीं रहा ।
जख्म तो ताजा है: -
आरुषि हो या मधुमिता या पिछले साल 16 दिसंबर को काल्पनिक नाम की निर्भया, जिसके साथ 
 दरिंदगी से हुआ बलात्कार शर्मनाक होने के साथ रांेगटे खड़े कर देने वाला था। इससे पहले भी 
कितनी औरतें, लड़कियां ऐसे ही हादसों की शिकार बनीं होगी कहना मुश्किल ही है ।
बाबाओं, संतों, ब्यूरोक्रेट, नेताओं, अभिनेताओं सब के नाम औरत को लूटने-खसोटने में सामने आ रहे हैं। लुटेरा कोई भी हो पर लुट-पिट वे ही रही हैं। प्रतीक रूप में केशवानंदों, आसारामों, नारायण साईयों, तेजपालों की 
पैनी गिद्ध दृष्टि हर पल स्त्री को डरा रही है। मीडिया की सजगता या टीआरपी के लालच से कुछ 
ऐसे ही केस सामने आने की वजह से भारत को संस्कारों का देश कहना बेमानी लगने लगा है।
जालिम पुरुष: -
औरत के बारे में पुरुष के नजरिए पर तंज कसते हुए क्या खूब कहा गया है , ‘‘औरत ने पुरुष को 
आदमसे इंसानबनाने की पूरी कोशिश की, पर उसने औरत को एक खिलौने से ज्यादा नहीं माना। 
उसे खुद नोचा , बेचा व तन-मन नुचवाने को बाजार में कोठों तक पर बैठने पर मजबूर कर दिया। 
’’ सम्मान महज दिखावा: आज भी पुरुष, औरत को दिखावे के तौर पर भले ही मान-सम्मान दे, पर 
आज भी वह औरत को अपनी पुश्तैनी जागीर मानता है। एक दो प्रतिशत की बात छोड़ दें तो आज 
भी अधिकांश पुरुष इसी मानसिकता के हैं और औरत को हर मुकाम पर यूजकरने में उन्हे कोई 
गुरेज नहीं हैं।
भोग्या ही रह गई स्त्री: -
समाज भले ही उसे मां, बहन, बेटी व पूज्या जैसे विशेषण दें पर आज भी उसे भोग्या रूप में ही देखा 
जाता है और वर्जनाओं से बाहर आने का प्रयास करने वाली हर औरत के पंख कतरने के पूरे-पूरे 
प्रयास किये जाते हैं। औरत को दबाने, सताने में पुरुषों की एकता देखने लायक है।
पिसना औरत की नियति:-
आदर्श बघारना और बात है तथा अपने परिवार के संदर्भों में लागू करना और बात। पुरुष जब इस 
परिस्थिति में फंसता है तो वह सारे आदर्शो को ताक पर रखकर वही करता है, जिससे उसकी 
तथाकथित इज्जत पर धब्बा न लगे, उसकी किरकिरी न हो, उसके अहम को ठेस न लगे और 
ऐसे हालातों में पिसती है तो सिर्फ औरत ।
जुल्म व चारे से हावी पुरुष :-
 आज जब औरत सारी केचुलियां उतार, सब बंधन तोड़, हर क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता को सबित करते 
हुये पुरुष से अपना आधा आकाशमांग ही नहीं रही, छीन भी रही है, तब घबराया पुरुष उसे फिर से 
गर्म कबाबमें तब्दील कर देने को हर जुगत भिड़ा रहा है। पहले जहां उसे डंडे के बल पर अपनी देह परोसने के लिए बाध्य किया जाता था, आज उसके आगे चारा फेंककर उसे बिकने को तैयार किया जा रहा है।
बदकिस्मत औरतें:-
 आंकड़ों की दुनिया पर यकीन करें तों आज केवल भारत में 20 से 25 प्रतिशत महिलाएं किसी न 
किसी रूप में देह के बाजार में खड़ी हैं, बिक रही हैं, हालांकि इस आंकड़े पर यकीन करना भी आसान 
 नहीं है पर यदि गलती से भी यह आंकड़ा सच है तो यह इन औरतों की बदकिस्मती ही कही जाएगी ।
भारत अपना, बुरा सपना :-
 एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का चौथा सबसे खतरनाक देश माना 
गया है और यहां के देह बाजार का टर्नओवर किसी छोटे मोटे उद्योग से कहीं ज्यादा है। अकेले 
मुम्बई जैसे शहर में ही सेक्स उद्योग में करीब दो लाख लड़कियां लगी हुई हैं, जो कोलकाता के 
मुकाबले कम होने का अनुमान है क्योंकि वहां का सेक्स उद्योग तो मुम्बई के सेक्स उद्योग से 
हमेशा ही आगे रहा है और हर वर्ष करीब 100 अरब रुपयों का देह व्यापार इस क्षेत्र में होता है।
दाम, दलाल और माल: बंगाल, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, मणिपुर , मिजोरम व 
दूसरे गरीब राज्यों में गरीब तबके की बालिग और नाबालिग लड़कियां कभी विवाह तो कभी 
कामकाज के बहाने से आज भी खरीदी-बेची जा रही हैं। उनका यौन शोषण केवल उनका दाम लगाने 
वाला व्यक्ति ही नहीं वरन उन्हें उन तक पहुंचाने वाला दलाल भी करता है और पुलिस पहले तो 
ऐसी घटनाओं का होना ही स्वीकार नहीं करती और अगर करती भी है तो जो कार्यवाही वह करती 
है, उससे पीड़िता का और भी ज्यादा शोषण व अपमान होता है।
यहां तक कि कई बार तो शिकायतकर्ता महिला पुलिसवालों के द्वारा यौन शोषण का शिकार बन 
जाती है। उसे थाने में कपड़े उतारकर बलात्कार होने की घटना को सिद्ध करने तक को कह दिया 
 जाता है।
देह मात्र बनी स्त्री:-
 देह का प्रतीक बन कर जी रही स्त्री का शोषण केवल पुरुष ही नहीं कर रहा है अपितु उसके शोषण
 में खुद महिलाएं भी शामिल हैं। अधिकांश रेडलाइट एरियाकी संचालिका महिलाएं हैं, जो स्वयं और
 अपने दलालों की मार्फत देश के दूरदराज के इलाकों से मासूम लड़कियों को सब्जबाग दिखा फंसाती 
हैं और बाद में उन्हें शोषण के ऐसे गर्त में धकेल देती हैं, जहां से वे चाहकर भी वापस नहीं जा पातीं। शेष जीवन उन्हें उसी नर्क में एड्स या दूसरी यौन बीमारियों के साथ बिताना पड़ता है।
औरत, समाज और मायाजाल:-
 इस मायाजाल में फंसने वाले स्त्री समाज का एक तबका ऐसा भी है, जो खुद ब खुद इस नर्क में 
चला आता है। प्राय: गलत आदतों, महंगे शौक और रंगीन मिजाजी के कारण भी कुछ लड़कियां 
अपने खर्चे पूरे करने के लिए और कई बार अमीरजादों को फंसाने के लिए खुद अपनी देह परोसने 
को उद्यत हो जाती हैं। बाद में न तो वे ऐशो आराम के बिना रह पाती हैं और न ही देह सुख पाए 
बगैर उनका काम चलता है।
शुरू में तो उन्हें ये सब अच्छा लगता है। पर जब वे थक जाती हैं और इस जंजाल से निकलना 
चाहती हैं, तब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी होती है ।
जागना व लड़ना जरूरी:-
 यह ठीक है कि औरत ने तालीम पा ली है, ऊंची उड़ान भर ली है पर अभी भी उसके पंख इतने 
मजबूत नहीं हुए हैं कि वह अकेले अपनी उड़ान पूरी कर सके इसलिए उसे पुरुष की जरूरत अभी भी है। पर अब उसे अपने व अपनी लुटती-पिटती बहनों के लिये, औरत जाति के सम्मान व इज्जत के लिए जागना 
व लड़ना होगा ।
जीतनी है जंग तो .. औरत की यह जंग बहुत लम्बी चलने वाली है, यदि उसे जीतना है तो उसे पूरी 
तैयारी करनी होगी। उसे खुद से, पुरुष से और स्त्री समाज में उग आई नागफनियों से बचने का हुनर 
सीखना होगा। अन्यथा वह सिर्फ देह बनकर रह जाएगी और उसे ऐसे ही नोचा, भोगा जाता रहेगा। 
दुआ करें कि जल्द ही औरत अपनी सृजनात्मक ताकत व संघर्ष से अपना आसमान पा ले इसी में 
उसकी, पुरुष की तथा देश व समाज की भलाई है। जिस दिन स्त्री समाज में पुरुषों के बराबर का
 स्थान पा लेगी उस दिन शायद देश की तस्वीर कुछ और ही होगी। लेकिन तब तक स्त्री को अपनी 
 लड़ाई जारी रखनी होगी, बिना थके, बिना रुके और बिना पीछे मुड़े। तभी वह अपनी वास्तविकत 
पहचान को स्थापित कर पाने में सफल हो सकेगी। यह बदलाव निश्चित ही शुभता आएगा।
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करनाचाहते हैं 
तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:facingverity@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके 
नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
Source – KalpatruExpress News Papper






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें