एक रंग चढ़ा है
एक रंग चढ़ा है सब पर नहीं है कोई अंतर
होली है त्योहार या है कोई जादू-मंतर।
त्योहारों में सबसे प्यारी है होली सौगात
होती है रंगों की इस दिन क्या अनुपम बरसात।
राजू ने दादी को रंगकर सुनी है मीठी ङिाड़की
राधा बच कर रंगों से, देखे खोल के खिड़की।
जुम्मन चाचा को छलती है रंगों की पिचकारी
छुपते-फिरते यहां-वहां रह जाती शेखी सारी।
इस दिन बूढ़ी काकी को क्या जम कर होली चढ़ती
बच्चे-बूढ़ों को रंगती और दौड़-दौड़ पकड़ती।
बच्चों की होली टोली का ऐसा सुख अनंता
कौन राम, कौन रहीम, कौन है जॉन और बंता।
एक रंग चढ़ा है सब पर नहीं है कोई अंतर
होली है त्योहार या है कोई जादू-मंतर।
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share
करनाचाहते
हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:facingverity@gmail.com.पसंद आने पर हम
उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
Source – KalpatruExpress News Papper
|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें