अब वे दिन
नहीं रहे, जब महिलाएं
केवल घर की दहलीज तक ही सीमित रहा करती थीं। पुराने जमाने की सोच है कि महिलाओं
को शादी के बाद घर पर रहना चाहिए और नौकरी नहीं करनी चाहिए। पर आजकल औरतें भी कई
बार इस बात पर सहमति जताती हुई दिख रही हैं और नौकरी से परहेज कर रही हैं, परंतु पति अपनी प}ियों की इस बदली हुई प्रवृत्ति से खुश नहीं
लगते।
इसमें
एक-दूसरे का और एक-दूसरे की इच्छाओं का सम्मान करना जरूरी है।
समायोजन
शादीशुदा जिंदगी का महत्त्वपूर्ण पक्ष है। आमतौर पर शादी के बाद एक महिला से यह
अपेक्षा की जाती कि वह उसके सपनों और आकांक्षाओं को त्याग दे। वह समय याद है, जब पति और परिवार ताना मारते हुए कहते थे
कि घर की बहू हो, घर की देखभाल
करो, काम करने की
जरूरत नहीं है। कुछ समय बाद स्थिति में बदलाव आया और महिलाएं अपने पति का हाथ
बंटाने के लिए काम करने निकलीं। घर और बाहर दोनों जगहों में सामंजस्य बैठाया, परंतु अब स्थिति विपरीत हो रही है।
महिलाएं अब
अपने करियर को छोड़ना चाहती हैं और एक शांतचित्त जीवन का आनंद उठाने के साथ-साथ
अपनी शादी और परिवार को अधिक समय देना चाहती हैं। लेकिन, पति अब महत्त्वाकांक्षी हो गया है और चाहता
है कि शादी के बाद उनकी पत्नी काम करना बंद न करें। इसी कशमकश के चलते कुछ युवा
जोड़े अलग होने की कगार पर आ गए हैं।
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Source –
KalpatruExpress News Papper
|
OnlineEducationalSite.Com
गुरुवार, 21 अगस्त 2014
शादी के बाद नौकरी को ‘नो’!
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