ध्यान क्या है
ध्यान शब्द संस्कृत भाषा के शब्द 'धि' से बना है जिसका अर्थ है विचार करना,चिंतन करना, सोचना या विचार में लीन होना। महर्षि पतंजलि के अनुसारः
”किसी वस्तु पर ध्यान के निरंतर प्रवाह को ध्यान कहा जाता है।“
सांख्य दर्शन द्वारा ध्यान के ”ध्यानम निविस्याम मनः“ के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसका अनुवाद है, ”मन को सभी विचलित करने वाले और भटकाने वाले संवेगों, विचारों और इच्छाओं से मुक्त करना।“ ध्यान हमेशा धारण से शुरू होता है, अर्थात एकाग्रता; मन स्थिर हो जाता है और ध्यान के द्वारा एक बिंदु पर टिक जाता है और जब एकाग्रता के परिणामस्वरूप विचार का निरंतर प्रावह एक वस्तु पर टिक जाता है तो यह ध्यान बन जाता है।
दो संस्कृत शब्द ”ध्यान“ और ”निधिध्यासन“ दोनों का प्रयोग समाधि के लिए किया जाता है, लेकिन दानों में अंतर है क्योंकि ”निधिध्यासन“ का अर्थ है ”चिंतन या विचार,“ जो एक विधि है जिसका प्रयोग वेदांत दर्शन की तपस्वी परम्परा द्वारा किया जाता है। इसकी तुलना में ध्यान चेतन मन की गतिविधि को शांत करने के लिए अपनी इच्छा से किया गया प्रयास है। इंद्रियों से संबंध विच्छेद और ध्यान के माध्यम से, मन की एकाग्रता को प्राप्त किया जाता है और इसके बाद यह एकाग्रता समाधि में परिवर्तित हो जाती है।
ध्यान के लाभ
शरीर और मन के संबंध को प्राचीन विद्वानों द्वारा स्वीकार किया गया है। यह एक अच्छी तरह से जाना माना तथ्य है कि कुछ आसनों, मुद्राओं, प्राणायम, ध्यान आदि का निरंतर अभ्यास शारीरिक और मानसिक कार्यों में अनूठा बदलाव लाता है।
ध्यान एक महŸवपूर्ण योग विधि है। ध्यान का नियमित अभ्यास इसे करने वाले को बहुत से लाभ प्रदान करता है-कुछ लाभ प्रत्यक्ष हैं और कुछ अप्रत्यक्ष। यह ने केवल अभ्यासकर्ता की बहुत सी मानसिक समस्याओं को दूर करता है बल्कि व्यक्ति की आध्यात्मिकता के उक उच्चतर अनुभव को प्राप्त करने मे भी सहायता करता है। भय, गुस्सा, तनाव, निराशा, आतंक, चिंता, प्रतिक्रियाओं, परेशानी जैसे नकारात्मक भाव कम हो जाते हैं और मन एक शांत स्थिति में आ जाता है। अभ्यासकर्ता का सम्पूर्ण व्यक्तित्व और दृष्टिकोण बेहतर बन जाते हैं, और वह जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना बेहतर ढंग से कर पाता है और अपने कार्यों को प्रभावी रूप से कर पाता है। ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति सकारात्मक व्यक्तित्व, विचारों और कार्यों को प्राप्त करता है। ध्यान एकाग्रता, स्मरण शक्ति, आत्म विश्वास, विचारों की स्पष्टता और इच्छा शक्ति को भी बढाता है।
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